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बैंक ऑफ इंडिया का केसीसी लोन घोटाला फिर चर्चा में

छतरपुर, 03 जनवरी=  दो साल पहले बैंक ऑफ इंडिया में हुए केसीसी लोन घोटाले में पुलिस कार्रवाही पर अब सवालियां निशान लगना शुरू हो गये हैं, क्योंकि पहले छतरपुर कोर्ट ने और अब हाईकोर्ट ने भी पुलिस को इस मामले में चेतावनी दे डाली है। केसीसी लोन घोटाले में आरोपियों और सरकारी गवाहों ने जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित पटैरिया को करोड़ों के इस घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है। उसके बावजूद छतरपुर की पुलिस ने अभी तक जिला पंचायत उपाध्यक्ष के विरूद्ध न तो कोई एफआईआर दर्ज कराई है और न ही उन्हें इस मामले में कहीं दोषी माना जा रहा है। इसलिए अब जिले में पुलिस की इस कार्रवाही की चर्चाएं तरह-तरह से होने लगी हैं।

किसान के्रडिट कार्ड घोटाले में अभी तक सरकारी गबाह शनिकुमार नागर, ज्ञानेन्द्र झॉ, सुरेन्द्र जैन और आरोपियों में शामिल बैंक के मैनेजर कपिल सिंह रतिराम प्रजापति, संजय बाजपेयी, ओमप्रकाश पटेल, राजू पटेल, कल्लू पटेल, मईयादीन और धनीराम कोंदर ने भी जिला पचांयत उपाध्यक्ष के खिलाफ बयान दिये। ऐसे ही बयानों को आधार मानकर पुलिस पहले ओमप्रकाश और राजू को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है फिर जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित पटैरिया के खिलाफ कोई कार्रवाही क्यों नहीं की जा रही?

पुलिस की जांच इस मामले में केवल 9 केसों तक सीमित रह गयी है, जबकि बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर आमिर सिंह के कार्यकाल में 195 किसान के्रडिट कार्ड स्वीकृत किये थे लेकिन पुलिस मात्र 9 की जांच कर रही हैं। 186 केसों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है जबकि आश्चर्यजनक बात यह है कि 186 में से किसी की भी राशि अभी तक जमा नहीं हुई है। किसान के्रडिट कार्ड घोटाले से बचने के लिए जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित पटैरिया ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किये जाने पर रोक लगाने की अपील की है।

हाईकोर्ट में 1 साल से इस प्रकरण में सुनवाई चल रही है लेकिन पुलिस पांच माह में यह रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं कर पाई है। जिस कारण हाईकोर्ट ने स्वयं संज्ञान में लेते हुए पुलिस को फटकार लगाई और कोतवाली टीआई को खुद कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया। इस घोटाले में कई गवाहों और आरोपियों ने अपने बयानों में जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित पटैरिया को मुख्य साजिशकर्ता बताया है। पुलिस ने भी किसान मंगलदीन, देवीदीन यादव के केस में छतरपुर कोर्ट में पेश जार्च सीट में पटैरिया का नाम बतौर आरोपी शामिल किया है।
इस कार्रवाही से बचने के लिए अमित पटैरिया ने 1 साल पहले जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कोर्ट में से आरोपी न बनाये जाने की अपील की गयी। पुलिस ने जो अंतिम प्रतिवेदन बनाकर सीजेएम कोर्ट में पेश किया था उसमें दूसरे नंबर पर अमित पटैरिया का नाम दर्ज किया था और विवेचना जारी होने की बात बताई गयी थी।

छतरपुर-टीकमगढ़ लोकसभा के सांसद डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने केन्द्र सरकार के वित्तमंत्री अरूण जेटली को 24 फरवरी 2015 को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि बैंक ऑफ इंडिया शाखा छतरपुर में पांच करोड़ जो केसीसी घोटाला हुआ है उसकी जांच कराई जाये। ज्ञातब्य है कि किसान के्र डिट कार्ड मृत व्यक्ति के नाम भी जारी कर दिये गये थे। ऐसे ही एक प्रमाणिक जानकारी मिली थी कि राजनगर तहसील के कटारा गांव के निवासी जाली कोंदर के नाम केसीसी कार्ड बना दिये गये। जबकि उन्होंने कभी किसान के्रडिट कार्ड बनवाया ही नहीं था।
केसीसी लोन घोटाले में बनाये गये आरोपी मंजू लाल तिवारी ने जिला न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी लेकिन विशेष सत्र न्यायाधीश ने जमानत याचिका खारिज कर दी तथा न्यायाधीश ने अपने आदेश में दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि मंजू लाल तिवारी ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार करके राशि का गबन किया है इस कारण जमानत पत्र निरस्त किया जाता है।

इसके बाद आरोपी मंजू लाल तिवारी ने हाईकोर्ट में इस घोटाले से नाम हटाने की अपील की थी लेकिन उच्च न्यायालय ने उसकी इस याचिका को खारिज कर दिया था। 2 साल पहले दर्ज हुए इस सभी प्रकरणों में पुलिस की जांच बहुत धीमी है। अब तक सभी आरोपियों की गिरफ्तारियां तो दूर कुछ केसों में पुलिस ने अब तक आरोपियों की सिनाख्त नहीं की है तथा जिनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किये जा चुके हैं उनके खिलाफ तथ्य जुटाने के बजाय पुलिस एफआईआर से उनके नाम काटने की तैयारी में है।

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