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राहुल गांधी की रैली में मंच पर जगह न पाने वाले बाली ने अपना दर्द बयां किया।

धर्मशाला, 26 दिसम्बर=  धर्मशाला में बीते 24 दिसम्बर को हुई प्रदेश सरकार की रैली में परिवहन मंत्री जीएस बाली को मंच पर आने से रोकने के मामले में मुख्यमंत्री के बयान के बाद सोमवार को बाली भी खुलकर मीडिया के सामने आये और अपना दर्द बयां किया।
उन्होंने कहा कि जब मुझे मंच पर जाने के लिए पास दिया गया था तो फिर लिस्ट से नाम कैसे कट गया, यह जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि अब जनता जानना चाहती है कि चूक किस स्तर पर हुई, इसकी सच्चाई को सामने लाया जाना जरूरी हो गया है।

बाली ने सोमवार को कांगड़ा में बताया कि कांगड़ा हवाई अड्डे पर राहुल गांधी का स्वागत करने के बाद वह स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर और आईपीएच मंत्री विद्या स्टोक्स के साथ धर्मशाला पहुंचे थे। उक्त दोनों नेता तो स्टेज पर चढ़ गए लेकिन एसपीजी के अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया। बाली ने कहा कि एसपीजी के इंचार्ज ने उनसे कहा कि उनका नाम मंच पर बैठने वालों की सूची में नहीं है इसलिए उन्हें मंच पर जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इसलिए वह चुपचाप धर्मशाला से लौटकर मस्सल चले गए।

बाली ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी का नहीं बल्कि सरकार के चार साल पूरे होने का कार्यक्रम था इसलिए मंच पर जगह नहीं मिलने का मलाल है। यदि कोई और कार्यक्रम होता तो शायद वह वहां जाते भी नहीं लेकिन सरकार के कार्यक्रम के लिए, कैबिनेट में वरिष्ठ मंत्री होने के नाते वह धर्मशाला गए। बाली ने कहा कि उन्हें मंच पर न देख उनके विधानसभा क्षेत्र से सैकड़ों की तादाद में धर्मशाला पहुंचे लोगों को मायूसी हुई। बाली ने कहा कि लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर किसकी चूक से उनका नाम लिस्ट से कटा।

बाली ने कहा कि वह मुख्यमंत्री से आग्रह करते हैं कि वह इस मामले की पूरी जांच करवाकर, जो भी सच्चाई है जनता के सामने रखें। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि यदि उनको इस मामले में कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता है तो उचित समय आने पर वह अगला कदम उठाएंगे।

भाजपा द्वारा राज्यपाल को सौंपी गई चार्जशीट में खुद पर लगे आरोपों के बारे में बाली ने कहा कि इसका जवाब वह कल तथ्यों सहित शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान देंगे।

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