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रिश्वतखोर पीआई समेत कांस्टेबल को सजा, 60 हजार का जुर्माना

मुंबई, 29 दिसम्बर = समृद्ध जीवन फूड्स इंडिया लि. पुणे कंपनी के प्रबंधक से 65 लाख रुपये रिश्वत लेने के प्रकरण में चालीसगांव के तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर (पीआई) लक्ष्मण गायकवाड व कांस्टेबल विपिन तिवारी को अदालत ने 2 साल 11 महीने के सश्रम कारावास के साथ 60 हजार रूपए जुर्माना भरने की सजा सुनाई है।

समृद्ध जीवन फूड्स लि., पुणे नामक कंपनी द्वारा की गई ठगी की चालीसगांव के रवींद्र लांडगे नामक व्यक्ति ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी। अधीक्षक ने इस प्रकरण की छानबीन करने का आदेश चालीसगांव पुलिस को दिया था। इस प्रकरण में कार्रवाई रोकने के लिए तत्कालीन इंस्पेक्टर लक्ष्मण गायकवाड़ के कहने पर कांस्टेबल विपिन तिवारी ने कंपनी के प्रबंधक महेंद्र गाड़े से 1 करोड़ रुपयों की रिश्वत मांगी। गाड़े ने 65 लाख रुपयों पर समझौता करने की बात कहकर अहमदनगर एंटी करप्शन ब्यूरो से शिकायत कर दी।

शिकायत मिलते ही एसीबी ने चालीसगांव के पुराने चुंगी नाके के पास 29 जनवरी 2013 को दोपहर 3 बजे जाल बिछाया और तय समय पर कांस्टेबल विपिन तिवारी ने जैसी ही 65 लाख रुपए की रिश्वत ली, एसीबी ने उसे पकड़ लिया। कांस्टेबल तिवारी और इंस्पेक्टर गायकवाड़ के खिलाफ चालीसगांव पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई करते हुए मामले को अदालत के सामने प्रस्तुत किया। जिला अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश केबी अग्रवाल की अदालत में पुलिस व एसीबी अधिकारियों के बयान लिए गए। सबूतों व अधिवक्ताओं की जिरह समेत कई बातों को मद्देनजर रखते हुए अदालत ने गायकवाड़ व तिवारी को 2 साल 11 महीनों के सश्रम कारावास के साथ 60 हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है।

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