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आखिर कब बंद होंगे नक्सली हमले

-2017 से अबतक 51 जवानों ने दी शहादत

नई दिल्ली (ईएमएस)। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सली हमले में सात जवानों ने देश के लिए जान कुर्बान कर दी। नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट करके ड्यूटी से लौट रहे जवानों को निशाना बनाया। सड़क निर्माण के काम की सुरक्षा में लगे जवान जब गाड़ी से जा रहे थे, तब नक्सलियों ने गाड़ी को निशाना बनाया। गाड़ी में पुलिस के सात जवान सवार थे। पुल के पास आईईडी लगाकर नक्सलियों ने जोरदार धमाका किया। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि वाहन के परखच्चे उड़ गए। सभी जवान शहीद हो गए और जमीन पर 10 फीट गहरा गड्ढा बन गया। नक्सली हमले में जवानों के शहीद होने पर बस्तर जिले के आईजी विवेकानंद सिन्हा का कहना है कि नक्सली घबराए हुए हैं और नक्सलियों को इस हमले का अंजाम भुगतना होगा। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि चार शहीद जवान सीएएफ के हैं। इनमें प्रधान आरक्षक विक्रम यादव छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के ग्राम निरा छिंदली के, आरक्षक राजेश सिंह बिहार के बेगूसराय जिले के ग्राम बीहट के, आरक्षक रविनाथ सिंह पटेल उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के ग्राम बसनी के और अर्जुन राजभर गाजीपुर जिले के ग्राम बरईपारा के रहने वाले थे।

नक्सली इसलिए बौखलाए हुए हैं कि केंद्र की मोदी सरकार ने उनके खिलाफ बड़ी मुहिम चला रखी है, जिसका असर भी दिख रहा है। साल 2010 से 2013 तक करीब साढ़े 6 हजार हजार नक्सली हमले हुए हैं, जबकि साल 2014 से साल 2017 तक चार हजार नक्सली हमले हुए। पिछले महीने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पुलिस की कार्रवाई में 37 नक्सलियों को मौत के घाट उतारा गया। यही नहीं देश के नक्सल प्रभावित जिले भी 126 से घटकर 90 तक सिमट गए हैं। 2017 से अब तक नक्सलियों के हमले में 51 जवान भी शहीद हुए हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़ में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। रविनाथ सिंह पटेल वाराणसी के बड़ागांव थाने के बसनी दल्लूपुरा गांव के रहने वाले थे। सिर्फ 23 साल के शहीद रविनाथ पर पूरा गांव गर्व कर रहा है। लेकिन रविनाथ के घर पर मातम पसरा है। गांववालों ने शहीद रविनाथ के बुजुर्ग माता पिता को उनकी शहादत की खबर नहीं दी।

गांववालों के मुताबिक रविनाथ 24 मई को गांव आने वाले थे। दो भाई और एक बहन में सबसे छोटे रविनाथ गांव आकर बहन के शादी के लिए रिश्ता देखने जाने वाले थे। लेकिन अब रविनाथ के शहादत की खबर गांव पहुंची है। गांववाले शहीद रविनाथ की तारीफ कर बताते हैं कि रविनाथ ने गांव के बच्चों के लिए एक मिसाल पेश की। दंतेवाड़ा में कल हुए नक्सली हमले में शहीद होने वालों में गाजीपुर के अर्जुन राजभर भी हैं। अर्जुन राजभर गाजीपुर के बरइ पारा गांव के रहने वाले थे। शहीद अर्जुन राजभर 2014 में छत्तीसगढ़ पुलिस में भर्ती हुए थे। पांच भाइयों में अर्जुन चौथे नंबर पर थे। शहीद अर्जुन के दो बेटियां और एक बेटा है। नक्सलियों के धमाके में अर्जुन राजभर बुरी तरह घायल हो गए थे। बाद में इलाज के दौरान अर्जुन भी शहीद हो गए। शहीद अर्जुन की शहादत की खबर सुनकर गांव में शहीद के घर लोगों की भीड़ लग गई। गांव में मातम का माहौल है।

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