Home Sliderधर्म क्षेत्र

आज सावन का तीसरा सोमवार , इस विधान से करे शिवजी की पूजा ………

नई दिल्ली (30जुलाई): आज सावन का तीसरा सोमवार है। इस साल सावन की शुरुआत 28 जुलाई को हुई है जो 26 अगस्त को रक्षाबंधन पर खत्‍म होगा। इस साल का महीना सावन 28 या 29 दिन की बजाय पूरे 30 दिन का रहेगा। पूरे देश में सावन के महीने को एक त्योहार की तरह मनाया जाता है। सावन भगवान शिव की पूजा करने का सबसे उत्तम महीना होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन के महीने का इतना महत्व क्यों है और भगवान शिव को यह महीना क्यों प्रिय है?

इस बार 100 साल बाद सावन पर बेहद खास संयोग बन रहा है। ऐसे में अगर भक्तजन इस एक विधि से पूजन करेंगे तो भगवान शिव मेहरबान होंगे और सभी परेशानियां दूर करके मनोकामनाएं पूरी करेंगे। पंचाग के अनुसार, इस बार सावन में पांच सोमवार है और सावन पूरे 30 दिनों का है। कृष्ण पक्ष 14 दिनों का और शुक्ल पक्ष 16 दिनों का है। श्रावण मास में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। वे लोग जिनकी शनि की साढ़े साती चल रही है, उन्हें सावन के पहले दिन रुद्राभिषेक अवश्य करना चाहिए। जिनकी कुंडली में काल सर्प योग, शनि की ढैय्या, शनि की साढ़े साती, शनि की महादशा और अंतर्दशा या शनि या चंद्रमा नीच दशा में है और राज पक्ष से परेशानी, नौकरी में परेशानी है, उन्हें सावन में भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए, इससे कष्टों से मुक्ति मिलेगी।

इस साल सावन के महीने में रोटक व्रत लग रहा है। शास्त्रों के अनुसार, जिस साल सावन में 5 सोमवार होते हैं उस साल यह व्रत लगता है। इस व्रत के विषय में मान्यता है कि जो भक्त रोटक व्रत पूरा करता है यानी पांचों सोमवार के व्रत रखता है, भगवान शिव और माता पार्वती उनकी सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। 28 जुलाई से सावन का शुरुआत हुई है जो 26 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगाै। सावन महीने के सभी मंगलवार के व्रत माता पार्वती के लिए किए जाते हैं। सावन माह में मंगलवार को किए जाने वाले व्रत को मंगला गौरी व्रत कहा जाता है। इसे सुहाग के बहुत ही शुभ व्रत माना गया है। इससे कन्या के विवाह के योग तेज होते हैं और वैवाहिक जीवन सुखमय होता है, ऐसी मान्यता है।

इस साल सावन के पहले सोमवा को सौभाग्य योग बन रहा है। धनिष्ठा नक्षत्र है और द्विपुष्कर योग का भी संयोग बना है। इस अवसर पर भगवान शिव जिन्हें जल्दी प्रसन्न हो जाने के कारण आशुतोष भी कहते हैं उनकी पूजा दूध, दही, मधु, चावल, पुष्प और गंगाजल से करें। कहते हैं कि भगवान शिव एक लोटा जल में भी प्रसन्न होने वाले देवता हैं। यदि कोई व्यक्ति शिवजी की कृपा प्राप्त करना चाहता है तो उसे रोज शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए। विशेष रूप से सावन के हर सोमवार शिवजी का पूजन करें। इस नियम से शिवजी की कृपा प्राप्त की जा सकती है। भगवान की प्रसन्नता से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और परेशानियों दूर सकती हैं।

सोमवार को सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि नित्य कर्मों से निवृत्त होकर शिवजी के मंदिर जाएं। मंदिर पहुंचकर भगवान के सामने व्रत का संकल्प लें। इस व्रत में एक समय रात्रि में भोजन चाहिए। दिन फलाहार किया जा सकता है। साथ ही दूध का सेवन भी किया जा सकता है। संकल्प के बाद शिवलिंग पर जल अर्पित करें। गाय का दूध अर्पित करें। इसके बाद पुष्प हार और चावल, कुमकुम, बिल्व पत्र, मिठाई आदि सामग्री चढ़ाएं। सावन के महीने में शिव पूजन के साथ ही शिव मंत्र 

– ऊँ महाशिवाय सोमाय नम:। या शिव मंत्र ऊँ नम: शिवाय। मंत्र जप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए। जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग सर्वश्रेष्ठ रहता है। शिव परिवार (प्रथम पूज्य श्री गणेश, माता पार्वती, कार्तिकेय, नंदी, नाग देवता) का भी पूजन करें।

Related Articles

Back to top button
Close