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कृषि क्षेत्र में हुआ चौतरफा विकास- राधा मोहन सिंह

नई दिल्ली, 29 दिसम्बर = केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने दावा किया है कि पिछले 30 महीने में उनके मंत्रालय द्वारा उठाये गए 30 नए क़दमों से न केवल देश के 14 करोड़ किसानों का भला होगा बल्कि कृषि उत्पादन बढ़ने से विकास दर भी बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि अगला बजट गांव, किसान और गरीबों के हित में होगा।

कृषि मंत्री ने गुरुवार को यहाँ अपने मंत्रालय की 30 महीनों की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि कृषि क्षेत्र में चहुंमुखी विकास तेजी से हो रहा है तथा किसान की स्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 2016-17 के खरीफ मौसम में 366.64 लाख किसानों ने बीमा कराया। इनमें 264.04 लाख ऋणी और 102.60 लाख गैर ऋणी किसान हैं। हालाँकि इसके पिछले साल की इसी अवधि में 309 लाख किसानों ने बीमा कराया था।

राधा मोहन सिंह ने सरकार की महत्वाकांक्षी स्वायल हेल्थ कार्ड योजना की चर्चा करते हुए बताया कि 27 दिसंबर तक दो करोड़ 53 लाख मिटटी के नमूने एकत्र करने के लक्ष्य के मुकाबले दो करोड़ 33 लाख नमूने एकत्र किये गए तथा 12 करोड़ 82 लाख कार्ड बनाये जा रहे है जिनमें सवा चार करोड़ कार्ड वितरित भी किये जा चुके हैं। 460 प्रयोगशालाओं के अतिरिक्त 4000 मिनी प्रयोगशालाओं को राज्यों में स्थापित करने को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 10 हजार कलस्टर बनाये जाने हैं जिनमें से 9,186 बनाये जा चुके हैं। दस राज्यों के 250 मंत्रियों को सितंबर तक ई-पोर्टल से जोड़ दिया गया है।

कृषि मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 2014-16 में 12.74 लाख हेक्टेयर सूक्ष्म सिंचाई के अधीन लाया गया है। जो 200 प्रतिशत वृद्धि है। 2019 तक 76.03 लाख हेक्टेयर की क्षमता के साथ 99 वृहत एवम मध्यम सिंचाई परियोजना को पूरा किया जा रहा है जो 77, 595 करोड़ रुपये की लागत से पूरा होगा। साल 2016-17 के लिए 12517 करोड़ रुपये से 23 योजनाएं पूरी की जाएँगी।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन और दलहन उत्पादन के लिए उठाये गए क़दमों की जानकारी देते हुए राधा मोहन सिंह ने बताया कि 2013-14 तक इस मिशन के तहत केवल चावल, गेहूं और दलहन शामिल थे लेकिन मोदी सरकार बनने के बाद इसमें साथ फसलों चावल, गेहूं, दलहन, जूट, गन्ना, कपास और मोटे अनाज को शामिल किया है। दलहन में अब 29 राज्यों के सभी 638 जिलों को शामिल किया गया है तथा 2016-17 के लिए 1100 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं। दालों का उत्पादन लक्ष्य 20.75 मिलियन मीट्रिक टन है। खरीफ में 8.70 मिलियन टन होने की उम्मीद है।

उन्होंने खेत की मेड़ पर पेड़, परती भूमि पर पेड़ लगाने की नयी योजना के बारे में बताते हुए कहा कि अब खेती योग्य बंजर भूमि पर भी पेड़ लगाए जा सकते हैं। अभी तक आठ राज्यों में यह योजना शुरू हो चुकी है। उन्होंने राष्ट्रीय गोकुल मिशन, पशुधन संजीवन, नकुल स्वस्थ्य पात्र, ई पशुधन हाट पोर्टल, राष्ट्रीय बोवाइन उत्पादकता मिशन, पशु चिकित्सक शिक्षा, मछली व अंडा उत्पादन, कृषि वैज्ञानिकों की भरते में तेजी लाये जाने, मेरा गांव मेरा गौरव योजना के तहत चार चार वैज्ञानिकों के 5000 समूह द्वारा एक वर्ष में 25,000 गाँवो से संपर्क करने तथा 3000 रुपये के मानदेय पर छह माह के लिए छात्रों के कृषि प्रशिक्षण देने की नयी योजनाएं चालू करने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्पादन बढ़ने के सरकारी प्रयासों को तेज किया गया है। इसके अलावा चार नए आईसीएआर पुरस्कार, पंडित दीन दयाल उन्नत कृषि शिक्षा योजना, डॉ राजेंद्र प्रसाद की स्मृति में तीन दिसंबर को राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस तथा चौधरी चरण सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर जय किसान जय विज्ञान सप्ताह प्रतिवर्ष मनाना शुरू किया है।

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