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कृषि सुधार विधेयक विधानसभा में पेश जनता, किसानों, सामाजिक संगठनों और संघों से सुझाव मांगे

मुंबई केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून पर काउंटर अटैक करने के लिए महाराष्ट्र विकास आघाडी सरकार ने विधानसभा में कृषि सुधार विधेयक पेश किया है. इस बात की जानकारी देते हुए राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार का कृषि कानून किसानों के कल्याण के लिए नहीं, बल्कि मुट्ठी भर बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया है. यह कानून किसानों को तबाह करने वाला है.

थोरात ने कहा कि दरअसल कृषि कानून राज्यों का मामला है और केंद्र सरकार ने उन पर अतिक्रमण कर रखा है. इसलिए, राज्य में किसानों को बचाने और उनके लाभ के लिए, महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में एक कैबिनेट उप-समिति का गठन किया था. समिति ने गहन अध्ययन और चर्चा के बाद किसानों के हित में तीन नए कृषि सुधार बिल तैयार किए हैं. थोरात ने विधानसभा में कहा कि मसौदा विधेयक को राज्य के लोगों और किसानों के विचारार्थ रखा जाएगा और किसानों और सामाजिक संगठनों के सुझावों पर विचार कर दो महीने के भीतर इसमें आवश्यक संशोधन किया जाएगा.

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