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केंद्रीय विद्यालच के टीचर ने बनाया अनोखा रोबोट , 38 भाषाओं में कर सकता है बातचीत, सोफिया रोबोट को देख कर मिली प्रेरणा

मुंबई.प्रतिभाएं किसी सुविधा एवं संसाधनों की मोहताज नहीं होती है. केंद्रीय विद्यालय के पीजीटी कम्प्यूटर साइंस के अध्यापक दिनेश कुंवर पटेल एक रोबोट बनाया है, जिसे उन्होंने शालू नाम दिया है. यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर कार्य करने वाला विश्व का पहला मानवीय रोबोट है, जो 9 भारतीय भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, भोजपुरी एवं मैथिली समेत विश्व की 38 भाषाओं में बातचीत कर सकता है.

3 साल में बनाया अद्भुत रोबोट

पवई के आईआईटी केंद्रीय विद्यालय के पीजीटी कम्प्यूटर साइंस के अध्यापक अध्यापक दिनेश कुंवर पटेल ने अपनी प्रतिभा, परिश्रम, लगन और कल्पना शीलता से 3 साल में अद्भुत रोबोट बनाया है. उन्होंने स्थानीय मार्केट में उपलब्ध वस्तुओं एल्यूमिनियम, लोहे, गत्ते, प्लास्टिक एवं अन्य अनुपयोगी वस्तुओं के प्रयोग, तकनीक और शिल्प के सामंजस्य से इस रोबोट को तैयार किया है. इसे बनाने में उनका 50 हजार रुपए लगे हैं. यह पूर्ण स्वदेशी है. इसकी प्रोग्रामिंग और कार्य प्रणाली स्वयं साइंस टिचर पटेल ने बनायी है.

बेटियों को समर्पित शालू

यह मेक इन इंडिया और राष्ट्रीय प्रतिभा के उद्यमिता का एक श्रेष्ठ उदाहरण है. उन्होंने अपने इस रोबोट का नाम शालू रखा है, जो बेटियों को समर्पित है, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ से प्रेरित है. रोबोट शालू की पारंपरिक भारतीय वेशभूषा बड़ी आकर्षक लगती है. पटेल ने बताया कि वह अभिनेता रजनीकांत की फिल्म रोबोट देख कर से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने रोबोट बनाने के लिए सोचना शुरू किया. जब वह हांगकांग की कंपनी के बने सोफिया रोबोट को देखा, तो उन्होंने यह निश्चय कर लिया कि अब वह रोबोट बनाएंगे.

प्रश्नों का सटीक उत्तर दे सकता है रोबोट

दिनेश पटेल ने बताया कि शालू हिंदी, अंग्रेजी, भोजपुरी एवं मैथिली समेत विश्व की 38 भाषाओं में बातचीत कर सकती है. इन भाषाओं में पूछे गए प्रश्नों का जवाब भी दे सकती है. वह गणितीय गणना, सामान्य ज्ञान के प्रश्नों, इतिहास और भूगोल आदि के प्रश्नों का सहजता से सटीक उत्तर देती है.

व्यक्तियों को पहचान लेती है शालू

शालू व्यक्तियों को पहचान लेती है. उन्हें अभिवादन कर सकती है और मनुष्यों की भांति प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर सकती है. इसका प्रयोग शिक्षक के रूप में भी किया जा सकता है. अभी यह रोबोट प्रारंभिक अवस्था में है. पटेल ने उम्मीद जतायी कि रोबोट शालू शिक्षा आदि के क्षेत्र में क्रन्तिकारी सिद्ध होगी.

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