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‘खादी फॉर फैशन’ नारे से इसे पहुंचाएंगे विदेशी बाजार में: कलराज

नई दिल्ली, 31 दिसम्बर =  केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री कलराज मिश्र ने कहा है कि पहले ‘खादी फॉर नेशन’ के नारे के साथ खादी उद्योग को प्रचारित किया जाता था, लेकिन अब ‘खादी फॉर फैशन’ के नारे के साथ उसे ग्लोबल मार्केट तक पहुंचाने की तैयारी है।

शनिवार को मीडिया के सामने अपने मंत्रालय का इस साल का लेखा-जोखा रखते हुए मिश्र ने कहा कि वर्ष 2016 में शत प्रतिशत बजट का इस्तेमाल किया गया। इस मौके पर मंत्रालय के सचिव केके जालान और अपर सचिव व विकास आयुक्त सुरेंद्र नाथ त्रिपाठी भी मौजूद थे।
मिश्र ने कहा कि उनके मंत्रालय ने इस वर्ष कई नई स्कीमें शुरू की है। हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लुधियाना में इन स्कीमों को लॉंच किया था और खादी व कयर उद्योग से जुड़े लोगों को पुस्कार भी बांटे थे।

मिश्र ने कहा कि डिजायनरों की मदद से खादी को फैशन फैब्रिक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। खादी को ग्लोबल मार्केट तक पहुंचाने की कोशिशें जारी हैं। खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने इसके उत्पादों के बाजार को मजबूत करने के लिए ई-कामर्स और फ्रेंचाइजी स्कीम शुरू की है।

उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के पंजीकरण के फॉर्म को ऑनलाइन कर दिया गया है। मिश्र ने कहा कि कयर उद्योग में इस साल रिकार्ड उत्पादन हुआ है और निर्यात ने 1900 करोड़ रुपये के रिकार्ड को पार कर लिया। मंत्रालय ने अपने काम को पारदर्शी बनाने के लिए ज्यादातर स्कीमों को ऑनलाइन कर दिया है।

मिश्र ने कहा कि पिछले छह दशकों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के एक प्रमुख और बहुआयामी क्षेत्र के रूप में उभरा है। यह क्षेत्र बड़े उद्योगों की तुलना में कम पूंजीगत लागत पर रोजगार के काफी अवसर उपलब्ध कराता है। इससे ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के औद्योगिकीरण में भी मदद मिलती है।

उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने 21 दिसम्बर को हुई बैठक में भारतीय उद्यम विकास सेवा नाम से एक नए कैडर के गठन को मंजूरी दे दी है। इस सेवा में 617 अधिकारी होंगे जिनमें छह संयुक्त सचिव स्तर के होंगे। इन अधिकारियों को नई दिल्ली स्थित विकास आयुक्त कार्यालय और 72 क्षेत्रीय कार्यलयों में तैनात किया जाएगा।

मिश्र ने कहा कि नोटबंदी के बाद सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र को लेस-कैश अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने के लिए कई प्रयास किए गए है। मंत्रालय के मातहत विभिन्न संगठनों ने 1600 से अधिक कार्यक्रम किए हैं और 27,000 से अधिक उद्यमों को लाभान्वित किया है।

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