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जेल में रहने के बावजूद राजद सुप्रीमो लालू यादव की कम नहीं हुई राजनीति में सक्रियता

रांची, 21 फ़रवरी (हि.स.)| राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में अदालत ने सलाखों के पीछे भले ही भेज दिया हो, परन्तु उनका राजनीति में हस्तक्षेप व सक्रियता किसी भी रूप में कम नहीं हो पाया है | लालू जेल में होने के बावजूद अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं व अधिकारियों से मिलते हैं | अदालत में आते-जाते वो पार्टी के कार्य-कलापों के लिए आवश्यक आदेश भी देते रहते हैं |.

पिछले डेढ़ महीने में वो राजद के कई नेताओं, जिनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री और उनके बेटे तेजस्वी यादव, पूर्व मंत्री व उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री व पार्टी के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह, राज्य अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, झारखण्ड राज्य की पार्टी अध्यक्षा अन्नपूर्णा देवी और पूर्व मंत्री कान्ति सिंह आदि उनसे जेल में मिल चुके हैं | राजद नेता लालू से जो भी जेल में जाकर मिले, वे सभी लोग जेल से लौटने के बाद कहते हैं कि वो अपने सुप्रीमो के सन्देश को ग्रामीण स्तर तक पहुचायेंगे | 

हाल ही में जदयू नेता शरद यादव भी झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी के साथ लालू से जेल में मिले तथा एनडीए के खिलाफ विरोधी दल की एकता पर विचार किया | इसके अतिरिक्त अन्य विरोधी दलों के नेता जिनमें कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय और समाजवादी दल के पूर्व मंत्री रामधनी सिंह भी लालू से मिल चुके हैं | 

लालू ने जेल से एक पत्र झारखण्ड की जनता को सम्बोधित करते हुए लिखा है कि वे झारखण्ड के दलितों, पिछड़े वर्गों और आदिवासियों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे | राजद कार्यकर्ता ने अब उस पत्र की प्रतिलिपि राज्य की जनता में वितरित भी कर रहे हैं | 

लालू यादव को जब भी अदालत में पेशी के लिए लाया गया, वहां राजद नेताओं की भारी संख्या में मौजूदगी देखी गयी और लालू अपने सभी नेताओं को हर तरह के सन्देश देने की कोशिश करते रहे हैं | बहुत से लोग अदालत परिसर में ही उनके पैर छूते नजर आते हैं | लालू पार्टी के कार्यकर्ताओं के अभिवादन को स्वीकार करते और संक्षिप्त में उनके उत्तर देकर उन्हें मान भी देने से नहीं चूकते हैं | 

कुछ दिन पहले ही सिविल कोर्ट के परिसर में पार्टी के कई नेता पार्टी टिकट की आस में एकत्रित हुए थे ताकि वे पार्टी के नेता से मिल सकें | उनमें से एक जहानाबाद के दिवंगत विधायक मुनिरका यादव की विधवा तालुका देवी भी थी | वह अपने बड़े बेटे को जहानाबाद के उपचुनाव में राजद से टिकट दिलाना चाहती थी | जैसे ही तालुका देवी ने हाथ उठाया, लालू ने भी हाथ उठाया और उन्हें तुरंत पहचान भी लिया और उनसे बात की | अदालत में वे जब भी हाजिरी देने आते हैं, मीडिया के लिए भी आकर्षक के केंद्र में होते हैं | मीडिया के लोग भी कोर्ट परिसर में घंटों इंतजार करते रहते हैं | देश में होने वाली गतिविधियों पर उनके एक छोटे से जवाब के लिए मीडिया के लोग सक्रिय रहते हैं | साथ लालू भी हर अवसर का इस्तेमाल कर बिहार में जेडीयू तथा केंद्र में एनडीए की सरकार पर प्रहार करते रहते हैं |

लालू ने पीएम मोदी से यह भी कहा है कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए कहते हैं मगर फिर पंजाब नेशनल बैंक का घोटाला कैसे हो गया | हम जैसे ही सत्ता में आएंगे एनडीए के सभी भ्रष्टाचारी नेताओं को जेल भेजेंगे | उन्होंने पहले भी कहा कि प्रतिदिन बिहार में हत्या और अपहरण हो रहे हैं | नीतीश मेरे शासन काल को जंगल राज कहते थे | अब तो बिहार में महाजंगल राज चल रहा है | 

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