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धर्मनिरपेक्षता के ढाचें पर करारा प्रहार कर रही भाजपा : सिंघवी

Uttarakhand.देहरादून, 11 फरवरी= पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि भाजपा नेता भारत के धर्मनिर्पेक्ष प्राण को धूमिल करना चाहते हैं लेकिन देश को यह मंजूर नहीं है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने शनिवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा के साक्षी महाराज, साध्वी निरंजन ज्योति जैसे कई प्रमुख नेता देश को धर्म के आधार पर बांटना चाह रहे है लेकिन चिंता की बात है कि पीएम ऐसे एफएम नेताओं के बयान से यह कह कर पल्ला झाड़ लेते है कि यह हमारा मत नहीं है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि एनडीए के ढाई साल के अल्प कार्यकाल में आईआईटी, आईआईएम और अन्य केंद्रीय संस्थाओं के लोगों ने जितनी बड़ी संख्या में इस सरकार के दबाव के चलते इस्तीफा दिया ऐसा कभी नहीं हुआ। ये सरकार गणतंत्र की संस्थाओं को कमजोर कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने पार्लियामेंट में परसों जिस तरह से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बारे में टिप्पणी की वैसा भारत के राजनीतिक इतिहास में किसी पूर्व और वर्तमान प्रधानमंत्री ने संसद के अंदर या बाहर इस तरह की बयानबाजी कभी नहीं की।

सिंघवी ने कहा कि उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार को जिस तरह से संविधान के दायरे से बाहर जाकर गिराने का प्रयास किया यह बहुत ही निंदनीय है। इसी के चलते हाइकोर्ट में इन्हें हार का मुँह देखना पड़ा और न्याय का तमाचा पड़ा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश की तर्ज पर तामिलनाडु में भी भाजपा सत्ता पाने का खेल खेल रही है। उन्होंने कहा कि मैं मोदी और उनकी सरकार को संविधान का आइना दिखा रहा हूँ। उन्होंने तमिलनाडु के राज्यपाल पर दबाव में काम करने का इशारा भी किया। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय में 350 पदों पर नियुक्ति इसलिए नहीं की जा रही कि उसमें किसी तरह से आरएसएस के लोगों को घुसाया जा सके।

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कांग्रेस नेता ने कहा कि लोकपाल पर भाषण देने वाले मोदी अब खुद लगभग तीन साल से सत्ता में हैं और लोकपाल पर कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि भरस्टाचार पर ढोल पीटने वाले मोदी बने हुए लोकपाल बिल को क्यों नहीं कार्यवाही की इसका उन्हें जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी गुजरात में आज तक लोकायुक्त नहीं बनने दिया। इसी तरह वैश्विक प्रतिष्ठा प्राप्त रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया की प्रतिष्ठा धूल में मिलाने का काम इस सरकार ने किया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री बहुत अहंकारी है और अब वे धमकी भी देने लगे हैं। सहारा के यहां पड़े छापों में आठ जगह मोदी का नाम राशि के साथ मिला है। आखिर क्यों मोदी सरकार इसकी जांच नहीं करवा रही है। उन्होंने कहा कि मोदी आडवाणी के उस उदाहरण को भी भूल गए जब उन पर आरोप लगा था तो उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने जीएसपीसी में मोदी सरकार के घोटाले का आरोप लगाया और कहा यह आरोप गुजरात के सीएजी ने अपनों ऑडिट में लगाया है।

व्यापम घोटाले का उल्लेख करते हुए सिंघवी ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद उस विभाग के मुखिया थे जिसमें व्यापम घोटाला हुआ। उन्होंने कहा कि पनामा घोटाले पर संसदीय समिति ने उसमे शामिल लोगों के नाम प्रकाशित करने की मांग मजबूरी में मानी जबकि देश के अख़बारों ने डेढ़ साल पहले ही उन नामों को छाप चुके हैं। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक पर मोदी के दावे को झूठा बताया और कहा कि जब से सर्जिकल स्ट्राइक हुआ है 101 जवान और 33 सिविलियन्स मारे गए है देश में। उन्होंने कहा कि यूपीए के 10 साल में जितने जवान और सी एलियन्स मारे गए उससे अधिक मोदी के ढाई साल में लोग मारे गए है।

सिंघवी ने कहा कि केंद्रीय सहायता के क्षेत्र में उत्तराखंड के साथ भारी भेदभाव किया जा रहा है।मनमोहन सिंह ने अपने समय में 8 हजार करोड़ रूपये की सहायता दी थी जबकि आज हरीश रावत पांच हजार करोड़ के लिए भिखारी की तरह हाथ फैला के मांग रहे है लेकिन केंद्र नहीं दे रहा है। सेंट्रल फंडिंग में बदलाव के चलते उत्तराखंड को 1700 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है। इसके साथ पेयजल, ऊर्जा, पर्यावरण, आपदा के क्षेत्रों में भी केंद्र सरकार उत्तराखंड के साथ पक्षपातपूर्ण और उपेक्षापूर्ण रवैया अपना रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने एसडीआरएफ के लिए राज्य सरकार ने 36 एकड़ जमीन दे दी है लेकिन केंद्र कोई मदद नहीं कर रही है।

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