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‘नक्सल प्रभावित जिलों के विकास के लिए बजट में विशेष प्रावधान करें’

रायपुर, 04 जनवरी = नई दिल्ली में केन्द्रीय वित मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में राज्य सरकारों से बजट-पूर्व सुझाव प्राप्त करने के लिए बैठक आयोजित की गई। बैठक में छत्तीसगढ़ के वाणिज्य कर मंत्री अमर अग्रवाल सहित अन्य राज्यों के वित्त मंत्री भी उपस्थित रहे।

अग्रवाल ने बताया कि देश में 35 सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों में से 8 जिले छत्तीसगढ़ के हैं। इन जिलों के सर्वांगीण विकास के लिए 4,433 करोड़ रूपये की कार्ययोजना बस्तर प्लान बनाया गया है। उन्होंने कहा कि विगत एक वर्ष में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था में काफी सुधार आया है और कई क्षेत्रों से नक्सल समस्या को दूर किया गया है। इस सुधार में सुरक्षा उपायों के साथ-साथ विकास मूलक कार्यों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा संबंधी व्यय की प्रतिपूर्ति में विशेष पुलिस अधिकारी के वेतन की प्रतिपूर्ति का प्रावधान नहीं है। इस राशि का प्रावधान आगामी बजट में करने से नक्सल समस्या से निपटने में राज्य की बड़ी मदद होगी। राज्य में तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर होने वाला व्यय, जो कि छह हजार 400 करोड़ है, के भुगतान से, राज्य के वित्तीय संसाधनों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती पर होने वाले इस व्यय को राज्य से न लिया जाये। अग्रवाल ने राज्य के 8 सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों में वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करने के लिए नई बैंक शाखाएं खोलने हेतु सहयोग का आग्रह किया।

वाणिज्य मंत्री अग्रवाल ने कहा कि नोटबंदी के केन्द्र सरकार के निर्णय का पूरा छत्तीसगढ़ राज्य स्वागत करता है तथा डिजिटल भुगतान व कैशलेस व्यवस्था लाने के लिए समस्त उपाय राज्य स्तर पर किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर ही बैंकिंग सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भारतनेट परियोजना को युद्ध स्तर पर क्रियान्वित करना आवश्यक है। डाक विभाग के प्रस्तावित पेमेंट बैंक को भी इन क्षेत्रों को केन्द्रित रख कर अपनी सेवाओं की शुरूआत करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि नोटबंदी के उपरान्त कैशलेस ट्रान्जेक्शन में काफी वृद्धि हुई है। कैशलेस व्यवस्था को प्रोत्साहित करनए पॉस मशीनों पर डेबिट/क्रेडिट कार्ड के माध्यम से होने वाले ट्रान्जेक्शन पर दर कम करने हेतु प्रयास करने होगें। साथ ही कैशलेस ट्रान्जेक्शन पर लगने वाले सर्विस टैक्स को माफ किया जाये तथा आगामी जीएसटी व्यवस्था में भी टैक्स छूट की व्यवस्था रखी जाये।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत राज्य में लगभग 25 हजार किमी लंबाई की सड़कों का नेटवर्क तैयार किया जा चुका है। इन सड़कों के मेंन्टेनेन्स का व्यय काफी अधिक है। उन्होंने अनुरोध किया की इसके लिए वर्तमान आंबटन से व्यय करने की अनुमति का प्रावधान आगामी बजट में किया जाये। भारत सरकार ने मार्च 2019 तक शत घरों को विद्युत कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा है किन्तु दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में केवल 100 से अधिक जनसंख्या वाले गावों तथा मजरों-टोलों के विद्युतीकरण के लिए प्रावधान है।

अग्रवाल ने कहा कि अगले वर्ष से लागू होने वाली जीएसटी कर प्रणाली में छत्तीसगढ़ राज्य को कई वस्तुओं के उत्पादक राज्य होने के कारण वर्तमान में प्राप्त प्रतिवर्ष आय में से लगभग 26 सौ करोड़ प्राप्त नहीं होगा। इसके लिए जीएसटी कान्उसिल द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार वर्ष 2015-16 के राजस्व को आधार बनाकर प्रतिवर्ष 14 प्रतिशत वृद्धि जोड़कर प्रतिपूर्ति की जाए।
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए राज्यों को भी 40 प्रतिशत राज्यांश के रूप में बड़ी राशि का योगदान देना है। उन्होंने मांग की कि राज्यांश की व्यवस्था हेतु बॉन्ड के माध्यम से राशि की व्यवस्था करने की अनुमति राज्यों को दी जाये तथा इसे एफआरबीएम एक्ट की परिधी से बाहर रखा जाए। सबके लिए आवास के सपने को साकार करने के लिए 60 वर्गमीटर के कारपेट एरिया के छोटे मकानों पर सर्विस टैक्स एवं लेबर सैस को माफ किया जाए। उन्होंने नई राजधानी (नया रायपुर) में अधोसंरचना निर्माण के लिए केन्द्र सरकार से विशेष सहायता देने के साथ ही रायपुर एयरपोर्ट में इंटरनेशनल कार्गाे टर्मिनल प्रारंभ करने की भी मांग की ।

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