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पटना नाव हादसा : अब तक निकाले गए 25 शव, अब भी बचाव कार्य जारी, पीएम ने जताया शोक.

पटना, 15 जनवरी =  बिहार की राजधानी पटना के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) घाट पर गंगा दियारा में मकर संक्रांति के अवसर पर राज्य सरकार की ओर से आयोजित पतंग महोत्सव में शामिल होने के बाद लौट रहे लोगों की नौका डूब गई, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य अब भी लापता हैं। बचाव कार्य अब भी जारी है| पीएम नरेंद्र मोदी ने भी नाव दुर्घटना पर शोक जताया है और मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये देने की घोषणा की है।नीतीश सरकार ने अपना सारा कार्यक्रम रद कर दिया है और मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है। पटना के मजिस्ट्रेट कॉलोनी के आशियाना नगर निवासी राहुल वर्मा के मेसर्स आर.के. इंटरप्राइजेज द्वारा बनाया गया था इसलिए राहुल वर्मा और उक्त नाव के नाविक व अन्य के खिलाफ धारा 282, 304 तथा 34 आई पी सी. के तहत मुकदमा किया गया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि दियारा से लौट रही एक नाव देर शाम एनआइटी घाट के पास गंगा नदी में डूब गई। नौका में 60 से 70 लोग सवार थे, जिसमें से कुछ लोग तैरकर बाहर निकल आए जबकि 25 की लोगों की डूबकर मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो नाव पर क्षमता से काफी ज्यादा लोगों के सवार होने से यह हादसा हुआ। नाव जैसे ही किनारे से 15 मीटर आगे बढ़ी ज्यादा वजन होने के कारण गंगा की धारा में बैठ गई। कुछ लोगों का कहना था कि एक छेद था, जिसके कारण नाव में अचानक पानी भरने लगा। घटना के बाद कोहराम मच गया और पीछे से आ रही नाव पर बैठे लोग चिल्लाने लगे। लोगों ने नाव पर से ही अधिकारियों को फोन लगाना शुरू किया। गंगा घाट पर चीत्कार मच गया और लॉ कॉलेज घाट पर खड़े लोग चिल्लाने लगे। सुरक्षा की कोई व्यवस्था न देखकर लोग प्रशासन को कोस रहे थे।

21 मृतकों में 13 पुरुष, 4 महिलाएं और 4 बच्चे शामिल हैं, इनमें से 19 बिहार के ही निवासी हैं। जानकारी के मुताबिक पटना के एक परिवार ने अपने चार सदस्यों को खो दिया। अभी तक दो शवों की पहचान नहीं हो पाई है। मृतकों में 9 पटना जिले के रहने वाले हैं।

नाव हादसे के बाद जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने दही-चूड़ा भोज का आयोजन जो रविवार यानी 15 जनवरी को होने वाला था को रद्द कर दिया है। हार्डिंग रोड में आयोजित होने वाले इस भोज की पूरी तैयारी हो चुकी थी लेकिन देर शाम दुखद नाव हादसे के बाद प्रदेश अध्यक्ष ने इसे रद्द करने का निर्णय लिया। प्रदेश महासचिव डॉ. नवीन कुमार आर्य ने यह जानकारी दी।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, नाव हादसे की जानकारी के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भोज रद्द करने का सुझाव दिया, साथ ही उन्होंने रविवार को होने वाले अपने सभी कार्यक्रमों को भी रद्द कर दिया है। इसे प्रदेश अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया। बीते 19 साल से आयोजित हो रहा यह भोज 20वें साल नहीं हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि 20 नवम्बर को कानपुर में रेल हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने बिहार सरकार की ओर से जारी होने वाले रिपोर्ट कार्ड समारोह को रद्द कर दिया था। नाव हादसे के बाद से ही जदयू अध्यक्ष के भोज रद्द होने की चर्चा होने लगी। देर रात खुद प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं से भोज रद्द करने की विधिवत घोषणा कराई।

पीएम नरेंद्र मोदी ने भी नाव दुर्घटना पर शोक जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। नीतीश सरकार ने नाव हादसे के बाद मुआवजे का ऐलान भी कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मृतकों के परिजनों को 4-4लाख रुपये की आर्थिक सहायता का ऐलान किया गया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी केंद्र की ओर से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये देने की घोषणा की है। हादसे के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है। प्रेम कुमार ने कहा कि इस हादसे के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने आरोप लगाया कि मौके पर पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी और यह बड़ी चूक है।

नाव हादसे में मारे गए मृतकों की सूची.

भूलन प्रजापित (देवरिया), प्रेम कुमार मुर्मू (दुमका), सोनू कुमार (बक्सर), राज कुमार (पटना), विपुल कुमार (बिहटा), मेघू साह (महेंद्रू), रूपा देवी (पंडारक), शांति देवी ( मैरवा), फुदकी (दरभंगा), लाडो (महेंद्रू), आदित्य(गोपालपुर), ज्ञान शरण (मुन्ना चक), अभिषेक श्रीवास्तव (पटना सिटी), अभिषेक कुमार (सीतामढ़ी), आरती देवी (महेंद्रू), सृजन (प. चंपारण), अनुंरजन (रोहतास), मोहम्मद दिलशाद (अररिया) और अंजलि ( लहेरिया सराय) दरभंगा की रहने वाली थी। कई अन्य शवों की पहचान अबतक नहीं हो सकी है |

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