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पालघर : अपनों ने घर से निकाला तो 17 बुजुर्गो ने देहदान करके पेश किया मिसाल, मरने के बाद भी जिंदा रहेंगी इनकी मिसालें

केशव भूमि नेटवर्क ,पालघर,10 मई  : अपनों ने घर से निकला तो पालघर जिले के शिरगांव में स्तिथ ‘’आनंद वृद्धाश्रम’’ में पहुंचकर आश्रम चालक मनीषा कोटक , समेत मधुकर ताम्बत , सुरेखा राजे ,सुधा ठक्कर ,महेश ठक्कर , शैलजा चरणकर ,राजलक्ष्मी जोगदेव , पार्वती मेस्त्री ,सुरेश तिलक ,अरुण पाटिल ,जितेन्द्र दोषी ,हंसा शाह ,अविनाश चौबल , ठाकोर पांचाल ,भूपेंद्र खेतानी ,प्रभा कारेकर ,प्रेमा नरेकर  इन 17 बुजुर्गो ने डॉ. चव्हाण के सहयोग से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) को अपना देहदान करके एक मिसाल पेश किया है । इनकी यह मिशाल मरने के बाद भी जिंदा रहेगी। और दुसरे लोगो को भी नेक राह पर चलने के लिए प्रेरित किया है।

कहते है की इंसान के अगर हौसले बुलंद हो तो इंसान हर उम्र में एक मिसाल बन सकता है .इसी प्रकार का एक मिसाल पालघर से सामने आया है ,बता दे की पालघर जिले के शिरगांव में मनीषा कोटक अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर करीब 12 साल से ‘’आनंद वृद्धाश्रम ’’ नामक एक वृद्धाश्रम चलाती है . इस आश्रम में पालघर जिला,मुंबई व आसपास के अपने लोगो द्वारा सताए गए व लाकर छोड़े गए 70 साल से लेकर 90 साल तक के बुजुर्ग महिला और पुरुष अपना घर बार ,परिवार सब छोड़कर काफी संख्या में रहने के लिए मजबूर है और अब इस आश्रम में बिना किसी भेद भाव के रहते है .  

देहदान करने वालो बुजुर्गो का कहना है की पूरी जिंदगी हमने खून पसीना बहाकर अपनों के लिए क्या नहीं किया जिसके बदले आज हम लोगो को क्या मिला .लेकिन हम लोग अभी भी हिम्मत नहीं हारे है .और हम सब लोगो ने अपने पुरे शारीर को डॉ. चव्हाण के सहयोग से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) को दान कर दिया है . हमें अपना देहदान करके इस बात की ख़ुशी हो रही है की हमारे मरने के बाद हमारे शारीर के अंग दुसरे जरुरत लोगो के काम आयेंगे . साथ ही उन्हों ने लोगो से अपील किया दुसरे लोगो को भी देहदान करना चाहिए यह एक पूण्य का काम है .

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