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पालघर में पुलिस की दादागिरी बदमाशो को छोड़,दो पत्रकारों पर झूठा मामला दर्ज करके भेजा जेल, पत्रकारों ने दोषी पुलिस अधिकारियो को निलंबित करने की मांग

पालघर ,सं : पालघर में पालघर पुलिस ने बदमाशो को छोड़कर कर पत्रकारों पर दादागिरी करते हुए पालघर के एक न्यूज़ चैनल के हुसेन खान और एक अंग्रेजी अख़बार के रामपरमार इन दोनो पत्रकारो पर दादागिरी करते हुए इन पर झूठा मामला दर्ज करके इन्हें जेल भेज दिया.इनका कसूर बस इतना था की पुलिस द्वारा लाये गए संदिग्ध लोगो का इन्हों ने फोटो निकाल लिया .

 इस घटना के बाद से पालघर जिला के सभी पत्रकार संघटना और पत्रकारों ने पालघर पुलिस के प्रति अपना विरोध और रोष व्यक्त करते हुए कहा की पत्रकारों के प्रति पालघर पुलिस की यह हिटलर शाही शुरू है .अगर जल्द से जल्द दोषी पुलिस अधिकारियो को निलंबित नहीं किया गया तो पालघर जिला के सभी पत्रकर एक बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे .

बताया जा रहा है की गुरुवार रात में पालघर के बघोबा घाट में लुट के इरादे से कुछ अज्ञात बदमाशो ने घाट से गुजर रही कुछ कार पर पत्थर बाजी कर दिया था . इस घटना की सुचना मिलते ही पालघर के कुछ पुलिस अधिकारी अपने पुलिस कर्मियों के साथ घाट में पहुंच कर पत्थर बाजो को पकड़ने की कोशिश की और उस दरमियान पुलिस ने इन पर फायरिंग भी किया जिसके बाद सभी बदमाश भागने में सफल हो गए लेकिन इसी दौरान पुलिस के हाथ एक बदमाश लग गया.

पालघर पुलिस एक बदमाश के साथ कुछ संदिग्ध लोगो को पकड़ कर जब उन्हें लेकर पालघर पुलिस स्टेशन पहुंची और जब पुलिस इन्हें अपने जिप से निचे उतारा रही थी उसी दरमियान वहा मौजूद हुसेन खान एक पत्रकार होने के नाते उनका फोटो निकाल रहे थे .इतने में पालघर पुलिस स्टेशन के पुलिस उपनिरीक्षक तौफीक सैय्यद ने फोटो निकालने का विरोध करते हुए हुसेन खान का मोबाईल छिनकर कर उनके साथ मारपिट , धक्का मुक्की करते हुए खान को एक कमरे में बंद कर दिया .इस दौरान पत्रकार राम परमार ने बिच बचाव की कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं रहे. हालांकि की इस घटना की सुचना मिलते ही पालघर के एसपी मंजुनाथ सिंगे ने कुछ अधिकारियो को भेज कर इस मामले को शांत करने का प्रयास किया.

लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस उपनिरीक्षक तौफीक सैय्यद ने दोनों पत्रकारों पर सरकारी काम में रुकावट और पुलिस का कालर पकड़ने का झूठा आरोप लगाते हुए इन पर मामल दर्ज करके इन्हें जेल भेज दिया . हैरान करने वाली बात यह है की घटना के बाद राम परमार अपने घर चले गए थे लेकिन पालघर पुलिस इतना जोश में थी की वह बदमाशो को पकड़ने के बजाय सुबह करीब 4 बजे राम परमार के घर पर जाकर उनका कालर पकड़ कर पुलिस स्टेशन लेकर आई जैसे इन दोनों पत्रकारों ने ही पत्थरबाजी किया हो . इससे अंदाजा लगाय जा सकता है की पालघर पुलिस जिले में बढ़ी चोरी ,लूटमार की घटनाओ के आरोपियों को पकड़ने के बजाय किस तरह पत्रकारों को आवाज को दबाने में जुटी हुई है .

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