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फिलहाल केंद्र व राज्य की सत्ता में बनी रहेगी शिवसेना.

मुंबई, 27 जनवरी =  भाजपा की प्रमुख सहयोगी दल शिवसेना केंद्र व राज्य की सत्ता में फिलहाल बनी रहेगी। इस तरह की प्रतिक्रिया शिवसेना प्रवक्ता व सांसद संजय राऊत ने शुक्रवार को दी है। संजय राऊत ने कहा कि राज्य में अस्थिरता लाना शिवसेना नहीं चाहती है। राज्य की सत्ता से शिवसेना के हटने के बाद प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता आएगी, जो बाद में आर्थिक अस्थिरता भी लाएगी।

इससे राज्य की हालत बदतर हो जाएगी, इसलिए शिवसेना फिलहाल राज्य व केंद्र की सत्ता में बनी रहेगी। राऊत ने कहा कि शिवसेंना को सत्ता में कोई दिलचश्पी नहीं है, इसका कारण शिवसेना के पास कोई महत्वपूर्ण मंत्रालय नहीं है। शिवसेना राज्य के भले के लिए वगैर किसी प्रलोभन के सहभागी है। पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने कहा कि उनका इस्तीफा उनकी जेब में पहले से ही तैयार है, जब शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे इस्तीफा देने को कहेंगे, उसी क्षण वह मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे।

हालांकि शिवसेना द्वारा भाजपा के साथ युति तोड़े जाने को दुखद घटना राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने भी बताया है। उन्होंने कहा कि इतने साल तक साथ रहने के बाद अचानक दूर होना दुखद ही रहता है जबकि राकांपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा कि शिवसेना किसी भी कीमत पर सत्ता से नहीं हटेगी। तटकरे ने कहा कि जिस तरह चुड़ा गुड़ से चिपका रहता है, उसी तरह शिवसेना भी सत्ता के चिपकी रहने वाली है।

मुंबई महानगर पालिका चुनाव में शिवसेना भले ही अलग होकर चुनाव लड़ रही है, लेकिन दोनों दल सत्ता में सहभागी रहने वाले हैं। कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने कहा कि मुंबई महानगर पालिका चुनाव में भाजपा से चुनावी गठबंधन तोड़ना शिवसेना की मजबूरी बन गयी थी। अगर शिवसेना भाजपा से गठबंधन नहीं तोड़ती तो शिवसेना से बड़े पैमाने पर बगावत होने वाली थी। इसी बगावत को रोकने के लिए शिवसेना ने भाजपा से गठबंधन तोडऩे का निर्णय लिया है।

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