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साल 2016 निर्देशकों के लिए रहा ‘कभी खुशी-कभी गम’……..

निर्देशक फिल्म निर्माण की धूरी माना जाता है। एक फिल्म की पूरी यूनिट का हर मेंबर अपने-अपने तरह से फिल्म के डायरेक्टर के विजन को परदे पर साकार करने का काम करता है। यही वजह है कि निर्देशक को फिल्म के लिए डायरेक्टर ऑफ द शिप माना गया।

2016 में आई फिल्मों के निर्देशकों की बात करें, तो इस साल भी कहीं खुशी, कहीं गम का माहौल बना रहा। कुछ बड़े निर्देशकों ने अपनी ख्याति के अनुरुप सफलता पाई, तो कुछ दिग्गज निर्देशकों को इस साल तकड़ा झटका लगा। कई नए निर्देशकों ने अपनी फिल्मों के साथ सिक्का जमाया और सबको प्रभावित किया।

बड़े निर्देशकों की बड़ी सफलता

सबसे पहले सन 2016 के सफल निर्देशकों की बात की जाए, तो इस लिस्ट में नितेश तिवारी, करण जौहर, अली अब्बास जाफर, नीरज पांडे, राम माधवानी का नाम टॉप पर रहा। यशराज की फिल्म सुल्तान में अली अब्बास जाफर को पहली बार सलमान खान के साथ काम करने का मौका मिला, जिसे उन्होंने बड़ी कामयाबी में बदल दिया। दीवाली पर करण जौहर की ए दिल है मुश्किल का टकराव अजय देवगन की शिवाय के साथ हुआ। फिल्म में पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान को लेकर विरोध से फिल्म को संकट का सामना जरुर करना पड़ा, मगर एक बार जब फिल्म रिलीज हुई, तो इसे पसंद किया गया और करण जौहर के नाम एक और कामयाबी जुड़ गई।

करण जौहर कई सालों बाद निर्देशन के मैदान में लौटे थे। उनकी तरह आदित्य चोपड़ा भी आठ साल बाद निर्देशन में लौटे। हॉट-हॉट सीनों वाली उनकी फिल्म बेफिक्रे को औसत सफलता ही मिली। मैरी कॉम के बाद ओमांग कुमार ने सरबजीत में एक बहन के अपने उस भाई की रिहाई के संघर्ष की गाथा को दिखाया, जो गलती से पाकिस्तान चला गया था और वहां उसे जासूस मानकर जेल में कैद कर दिया गया। ऐश्वर्या राय, रणदीप हुड्डा और रिचा चड्ढा ने अपने-अपने अभिनय से इस फिल्म को स्तर दिया और दर्शकों को ये फिल्म पसंद आई। आमतौर पर अक्षय कुमार के साथ (स्पेशल 26, बेबी) फिल्में बनाने वाले निर्देशक नीरज पांडे ने इस बार एमएस धोनी पर फिल्म बनाकर एक और कमाल कर दिखाया और एक बड़ी कामयाबी अपने नाम कर ली।

करण जौहर की कंपनी की फिल्म कपूर एंड संस से निर्देशक शकूर बत्रा को एक और जश्न मनाने का मौका मिला, तो बागी में टाइगर श्रॉफ के साथ निर्देशक शब्बीर खान ने कामयाबी का इतिहास दोहराया। टाइगर की लांचिंग फिल्म हीरोपंती का निर्देशन भी शब्बीर ने ही किया था। सेंसर बोर्ड के साथ टकराव से लेकर पंजाब के नाम को लेकर विवादों में गूंजती रही फिल्म उड़ता पंजाब जब रिलीज हुई, तो बाक्स आफिस पर इसे बड़ी कामयाबी मिली। इसका निर्देशन करने वाले अभिषेक चौबे इससे पहले विद्या बालन के साथ इश्किया और माधुरी के साथ डे़ढ़ इश्किया बना चुके थे। सफल निर्देशकों की लिस्ट में एयरलिफ्ट बनाने वाले राज कृष्णा मेनन का नाम रहा।

साजिद नडियाडवाला की कंपनी में शब्बीर खान की बागी के अलावा हाउसफुल 3 के साथ निर्देशक जोड़ी साजिद-फरहाद का नाम कामयाब निर्देशकों की लिस्ट में जुड़ गया। साल के आखिरी में जाते जाते तक आमिर खान की फिल्म दंगल की सुपर डुपर ओपनिंग ने नितेश तिवारी की किस्मत को बदल दिया। चिल्लर पार्टी और भूतनाथ रिटर्न बना चुके नितेश तिवारी को आमिर खान की दंगल की कामयाबी ने शिखर पर पंहुचा दिया और साल के सुपर डायरेक्टों की लिस्ट में उनका नाम आ गया।

औसत कामयाबी पाने वाले निर्देशक

औसत कामयाबी पाने वाले निर्देशकों में आदित्य चोपड़ा के अलावा यशराज की ही एक और फिल्म के निर्देशक मनीष शर्मा का नाम रहा। मनीष को यशराज में आदित्य चोपड़ा का ब्लू ब्वॉय माना जाता है। मनीष ने फैन में पहली बार शाहरुख खान के साथ काम किया। बॉक्स ऑफिस पर इसे अच्छा बिजनेस जरुर मिला, लेकिन इसे देखने वालों की प्रतिक्रिया मिली जुली रही। टी-सीरिज की मालकिन दिव्या कुमार खोसला की लव ट्रेंगल वाली सनम-रे को भी बॉक्स ऑफिस पर औसत कामयाबी मिली, तो डेविड धवन के निर्देशक बेटे रोहित धवन की फिल्म ढिशूम में उनके भाई वरुण धवन और जान अब्राहम की मौजूदगी बहुत बड़ी कामयाबी पाने में नाकाम रही। इस एक्शन पैक फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर औसत सफलता मिली। रोहित धवन के लिए कहा जा सकता है कि वे बाल-बाल बच गए।

बड़े नाम, बड़ी असफलता

हर साल की तरह इस साल भी कई दिग्गज निर्देशकों की फिल्मों को दर्शकों ने खारिज करनें में कोई संकोच नहीं किया। इस साल नाकामयाबी का सामना करने वाले निर्देशकों में सबसे उपर नाम आशुतोष गोवारिकर का नाम रहा। जोधा अकबर फिल्म में रितिक रोशन के साथ कामयाबी का इतिहास रचने वाले आशुतोष की इस साल आई फिल्म मोहनजोदारो को भयानक झटका लगा। ऐसा ही झटका राकेश मेहरा को लगा। मिल्खा सिंह की कामयाबी के बाद राकेश मेहरा ने इस बार मिर्जियां में अनिल कपूर के बेटे हर्षवर्धन कपूर को लांच करने का फैसला किया, जो दर्शकों को रास नहीं आया और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह जा गिरी। चीनी कम और पा जैसी फिल्मों के निर्देशक आर बाल्की को पिछले साल शमिताभ का झटका लगा था, तो इस साल उनको की एंड का ने जोरदार झटका दिया।

अजय देवगन के साथ गंगाजल बनाने वाले प्रकाश झा ने प्रियंका चोपड़ा के साथ जय गंगाजल बनाई, तो विलेन का रोल खुद ही किया और बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म का बुरा हाल रहा। अनुराग कश्यप ने बतौर निर्माता उड़ता पंजाब के लिए सेसंर से लंबी लड़ाई लड़ी, लेकिन बतौर निर्देशक उनकी फिल्म राघव रमन को बॉक्स ऑफिस पर बड़ा झटका लगा। नवाजुद्दीन का करिश्मा भी इस फिल्म को बचा नहीं सका। इस फिल्म के साथ अनुराग कश्यप का नाम साल के असफल रहे निर्देशकों की सूची में शामिल हो गया। इसी लिस्ट में इंद्र कुमार का नाम भी आया। मस्ती की कॉमेडी से उनको एडल्ट कॉमेडी बनाने का शौक लगा। इसी शौक के चलते उन्होंने इसकी तीसरी किश्त के तौर पर ग्रेट ग्रैंड मस्ती बनाई, जिसे बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से मात खानी पड़ी।

रिलीज से पहले इस फिल्म के ऑनलाइन रिलीज होने के चलते भी इस फिल्म का बंटाधार हुआ। सलमान के छोटे भैया सोहेल खान सालों बाद फ्रिकिंग अली से निर्देशन में लौटे और निराशा के साथ उनको सब्र करना पड़ा। फिल्म का कोई भला नहीं हुआ। यहां भी नवाज का जादू काम नहीं आया। कहानी की सफलता को दोहराने के इरादे से विद्या बालन के साथ कहानी-2 बनाने वाले निर्देशक सुजाय घोष को भी कामयाबी नहीं मिली। कभी गजिनी में आमिर खान के साथ इतिहास रचने वाले साउथ के आर मुरगॉदास के लिए भी साल बुरा रहा। सोनाक्षी सिन्हा को लेकर अकीरा बनाने का उनका फैसला भारी पड़ा। अनुराग कश्यप को हीरो बनाने का फैसला कोढ़ में खाज जैसा रहा।

महिला निर्देशक

निर्देशन की चुनौतियां वैसे तो हर किसी के लिए एक जैसी होती हैं, फिर भी महिला निर्देशकों के लिए मामला थोड़ा सा अलग माना जाता है। बॉलीवुड को भी पुरुषों के अधिपत्य का शिकार माना जाता है। ऐसे में अगर इस साल महिला निर्देशकों की बात की जाए, तो चार नाम सामने आते हैं, जिनमें से गौरी शिंदे को डियर जिंदगी में बड़ी कामयाबी मिली। पहली बार शाहरुख खान और आलिया भट्ट जैसे सितारों के साथ गौरी शिंदे की फील गुड फिल्म को खासा पसंद किया गया। नित्या मेहरा की बार-बार देखो में सिद्धार्थ मल्होत्रा और कटरीना कैफ की जोड़ी थी। करण जौहर और फरहान अख्तर की कंपनियों ने मिलकर फिल्म को बनाया, लेकिन फिल्म को औसत कामयाबी ही मिली।

सुपर कैसेट की मालकिन दिव्या खोसला कुमार ने लव ट्रेंगल फिल्म सनम-रे बनाई। बॉक्स ऑफिस पर इसे भी औसत सफलता मिली। इस साल असफलता का सामना करने वाली सुधा कोंगरा ने पहली बार हिंदी के लिए फिल्म बनाई। आर माधवन और राजकुमार हीरानी के साथ बनी फिल्म साला खड़ूस को बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त नाकामयाबी का सामना करना पड़ा।

निर्देशन के मैदान में लौटे सितारे

इस साल दो बड़े सितारों ने निर्देशन में वापसी की। शिवाय से अजय देवगन और घायल रिटर्न के लिए सनी देओल ने निर्देशन की कमान संभााली। इससे पहले इन दोनों को निर्देशन का फैसला रास नहीं आया था। सनी ने दिल्लगी का निर्देशन किया था, तो अजय ने यू मी एंड हम बनाई थी। दोनों को असफलता मिली थी। इस बार शिवाय में अजय की लाज बच गई और घायल रिटर्न में सनी को औसत सफलता मिली।

नए निर्देशकों का हाल

हर साल कई निर्देशक अपनी शुरुआत करते हैं। इस साल भी तकरीबन एक दर्जन नए निर्देशकों का आगाज हुआ। कामयाबी के लिहाज से देखें, तो अक्षय कुमार के साथ रुस्तम से नए निर्देशक टीनू सुरेश देसाई ने कामयाब शुरुआत की, तो महिलाओं के खिलाफ सशक्तिकरण का पैगाम देने वाली फिल्म पिंक से नए निर्देशक अनिरुद्ध दासगुप्ता की बेहतरीन शुरुआत हुई। सिद्धार्थ मल्होत्रा और कैटरीना कैफ की जोड़ी की फिल्म बार-बार देखो से नई निर्देशक नित्या मेहरा की अच्छी शुरुआत रही। पहली ही फिल्म में नाकामयाबी का झटका खाने वाले निर्देशकों की लिस्ट पर गौर करें, तो इस लिस्ट में सुधा कोंगारा (साला खड़ूस), उमेश घाड़गे (क्या कूल हैं हम 3), शान आरान्हा (तेरा सुरुर), रवि जाधव (बैंजो), शिवाजी पाटिल (31 अक्तूबर) और शुजात सौदागर (राक आन 2) के नाम शामिल रहे।

नए निर्देशक एक नजर में

टीनू सुरेश देसाई- रुस्तम
उमेश घाडगे- क्या कूल हैं हम-3
सुधा कोंगारा- साला खड़ूस
शॉन अरान्हा- तेरा सुरुर
रिभुदास गुप्ता- टेन
नित्या मेहरा- बार बार देखो
अनिरुद्ध रॉय चौधरी- पिंक
रवि जाधव- बैंजो
शिवाजी पाटिल- 31 अक्तूबर
शुजात सौदागर- रॉक ऑन-2
सफल रहे प्रमुख निर्देशक
नितेश तिवारी- दंगल
करण जौहर ए दिल है मुश्किल
अली अब्बास जाफर- सुल्तान
राम माधवानी- नीरजा
नीरज पांडे- एमएस धोनी
शकुन बत्रा- कपूर एंड संस
गौरी शिंदे- डियर जिंदगी
मनीष शर्मा- फैन
शब्बीर खान- बागी
अजय देवगन- शिवाय
अभिषेक चौबे- उड़ता पंजाब
असफल रहे प्रमुख निर्देशक
राकेश मेहरा- मिर्जियां
आशुतोष गोवारिकर- मोहनजोदारो
इंद्र कुमार- ग्रेट ग्रैंड मस्ती
प्रकाश झा- जय गंगाजल
सोहेल खान- फ्रिके अली
अभिषेक कपूर- फितूर
आर बाल्की- की एंड का
सुजााय घोष- कहानी-2
अनुराग कश्यप- रमन राघव
सनी देओल- वंस अगेन घायल
निर्देशकों की फिल्में एक नजर में-
करण जौहर- ए दिल है मुश्किल
आदित्य चोपड़ा- बेफिक्रे
राकेश ओमप्रकाश मेहरा- मिर्जियां
नीरज पांडे- एमएस धोनी
आशुतोष गोवारिकर- मोहनजोदारो
प्रकाश झा- जयगंगाजल
अभिषेक कपूर- फितूर
आर बाल्की- की एंड का
मनीष शर्मा- फैन
ओमांग कुमार- सरबजीत
अनुराग कश्यप- रमन राघव
अली अब्बास जाफर- सुल्तान
राम माधवानी- नीरजा
शकुन बत्रा- कपूर एंड संस
हंसल मेहता- अलीगढ़
विक्रम भट्ट- 1920 लंदन, राज रोबूट
अभिनय देव- फोर्स-2
अभिनव सिन्हा- तुम बिन-2
गौरी शिंदे- डियर जिंदगी
सुजाय घोष- कहानी-2
राजकृष्ण मेनन- एयरलिफ्ट
मिलाप जवेरी- मस्तीजादे
राधिका-विनय- सनम तेरी कसम
दिव्या कुमार खोसला- सनम रे
शब्बीर खान- बागी
टोनी डिसूजा- अजहर
साजिद-फरहाद- हाउसफुल 3
बिजॉय नंबियार- वजीर
अभिषेक शर्मा- तेरे बिन लादेन डेड और अलाइव
अभिषेक चौबे- उड़ता पंजाब
विवेक अग्निहोत्री- जुनूनियत
इंद्र कुमार- ग्रेट ग्रैंड मस्ती
निशिकांत कामत- मदारी, राकी हैंडसम
रिमो डिसूजा- फ्लाइंग जट्ट
ए आर मुरगदॉस- अकीरा
सोहेल खान- फ्रिके अली
सनी देओल- घायल वंस अगेन
रोहित धवन- ढिशुम
मुदस्सर अली- हैप्पी भाग जाएगी
अजय देवगन- शिवाय
लीना यादव- परचेड़
विशाल पांड्या- वजह तुम हो
नितेश तिवारी- दंगल

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