खबरेविदेश

1981 में एड्स की पहचान हुई.

शुरुआती रिसर्च 1981 में एड्स की पहचान हुई. लॉस एंजिलिस के डॉक्टर माइकल गॉटलीब ने पांच मरीजों में एक अलग किस्म का निमोनिया पाया. इन सभी मरीजों में रोग से लड़ने वाला तंत्र अचानक कमजोर पड़ गया था. ये पांचों मरीज समलैंगिक थे इसलिए शुरुआत में डॉक्टरों को लगा कि यह बीमारी केवल समलैंगिकों में ही होती है. इसीलिए एड्स को ग्रिड यानी गे रिलेटिड इम्यून डेफिशिएंसी का नाम दिया गया.

Related Articles

Back to top button
Close