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आकाश चोपड़ा का खुलासा, इंग्लैंड में उन्हें होना पड़ा था नस्लवाद का शिकार

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने खुलासा किया है कि इंग्लिश लीग क्रिकेट में खेलने के दौरान उन्हें नस्लवाद का शिकार होना पड़ा था।

उनकी टिप्पणी वेस्टइंडीज के हरफनमौला खिलाड़ी डेरेन सैमी द्वारा सनराइजर्स हैदराबाद शिविर के भीतर नस्लवाद के आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद आई है।

चोपड़ा ने कहा कि इंग्लैंड में एक लीग मैच के दौरान, दो-दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों ने लगातार उनके खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था।

चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, “हम (क्रिकेटर्स) एक प्वाइंट या दूसरे खिलाड़ियों द्वारा नस्लवाद का शिकार हुए हैं। मुझे याद है कि जब मैं इंग्लैंड में लीग क्रिकेट खेलता था, तो दो दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों ने वास्तव में मेरे खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। जब मैं नॉन-स्ट्राइकर पर था तो वो मुझे लगातार पाक कह रहे थे।”

उन्होंने कहा, “अब कई लोग मानते हैं कि पाक पाकिस्तान का संक्षिप्त रूप है, लेकिन यह सच नहीं है। यदि आप भूरी-चमड़ी वाले हैं। यदि आप एशियाई उपमहाद्वीप से कहीं से भी हैं, तो यह शब्द नस्लीय दुर्व्यवहार के लिए उपयोग किया जाता है। आपको पाक कहा जाता है। जिस क्षण आप इंग्लैंड में किसी को भी पाक कहते हैं, आप इसके पीछे के इरादे को जानते हैं। उस समय मेरे साथ ऐसा ही हुआ था। मेरी टीम मेरे साथ खड़ी थी, लेकिन सच्चाई यह है कि मेरे सामने वाला व्यक्ति ऐसा कर रहा था।”

वर्ष 2003 और 2004 के बीच भारत के लिए 10 टेस्ट खेलने वाले चोपड़ा ने आगे बताया कि दुनिया के हर हिस्से में यह समस्या काफी गहरी है। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर एंड्रयू साइमंड्स का उदाहरण दिया जिन्होंने भारत में नस्लवाद का सामना किया।

उन्होंने कहा, “यह हर जगह होता है। यदि आप श्वेत-चमड़ी वाले हैं, तो यह उनके साथ भी होता है जब वे दुनिया के इस हिस्से में आते हैं। वे भी इस तरह के व्यवहार के अधीन होते हैं। वास्तव में, जब एंड्रयू साइमंड्स भारत आए थे, तो उन्हें बंदर कहा गया था।

बता दें कि सैमी अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद हो रहे प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि इस मामले में क्रिकेट जगत को भी साथ आना चाहिए। इसके बाद आईसीसी ने एक ट्विट कर कहा था, ‘‘बगैर भिन्नता के क्रिकेट कुछ भी नहीं है। बगैर विविधताओं के आप एक पूरी तस्वीर नहीं बना सकते।’’

उल्लेखनीय है कि अमेरिका के मिनेपोलिस में 26 मई को धोखाधड़ी के एक मामले में जॉर्ज फ्लॉयड को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान एक पुलिस अफसर ने फ्लॉयड को सड़क पर ही गिरा दिया था और अपने घुटने से उसकी गर्दन को करीब 8 मिनट तक दबाए रखा। इस कारण उसकी मौत हो गई थी। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। (एजेंसी, हि.स.)

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