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हरियाणा विस चुनाव : महेंद्रगढ़ में भाजपा मजबूत, विपक्ष बेदम

नारनौल । हरियाणा के अन्तिम छोर पर राजस्थान की सीमा से लगता जिला महेंद्रगढ़ चुनावी रंग में रंगने लगा है। यहां की चार विधानसभा सीटों पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ही सभी जगह मुकाबले में दिख रहे हैं। कहीं-कहीं कांग्रेस, तो कुछेक जगह जजपा के उम्मीदवार टक्कर देते दिखाई दे रहे हैं।

वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव के नतीजों में महेंद्रगढ़ की चारों सीटों महेंद्रगढ़, नारनौल, नांगलचौधरी और अटेली में भाजपा ने ही जीत हासिल की थी। अब पांच साल में भाजपा और अधिक यहां मजबूत हुई है। यही कारण है कि चारों विधानसभाओं में भाजपा उम्मीदवारों की स्थिति मजबूत नजर आ रही है। भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा चुनाव 2019 के वोट प्रतिशत के हिसाब से भी भाजपा उम्मीदवार मजबूत दिख रहे हैं। क्योंकि लोकसभा चुनाव 2019 में यहां से भाजपा उम्मीदवार धर्मबीर सिंह ने लोकसभा चुनाव 2014 के मुकाबले तीन गुणा अधिक मतों से जीत दर्ज की है। सबसे बड़ी बात यह रही कि लोकसभा चुनाव में यहां की सभी विधानसभाओं में भाजपा ने ही परचम फहराया है।

महेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र
महेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र की बात की जाए तो यहां से प्रदेश के शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा को पार्टी हाईकमान ने पुन: उम्मीदवार बनाया है। उनके द्वारा पिछले पांच साल में कराए गए विकास कार्यों की बदौलत प्रो. रामबिलास शर्मा जनता के बीच समर्थन मांगने में जुटे हुये हैं।

2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार प्रो. रामबिलास शर्मा ने 83724 मत हासिल करके 34491 वोटों के मार्जिन से कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व विधायक राव दान सिंह को हराया था। इस बार भी कांग्रेस ने पूर्व विधायक राव दान सिंह को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन भाजपा उम्मीदवार प्रो. रामबिलास शर्मा की जमीन पकड़ बहुत मजबूत हैं।

नारनौल विधानसभा क्षेत्र
नारनौल विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2014 में राव इन्द्रजीत सिंह के समर्थक ओमप्रकाश यादव को भाजपा उम्मीदवार बनाया गया था। हालांकि भाजपा संगठन के कार्यकर्ताओं ने टिकट वितरण पर नाराजगी जरूर जताई थी। पिछले विधानसभा चुनावों में ओमप्रकाश यादव को 31664 वोट मिले थे, जबकि इनेलो उम्मीदवार कमलेश सैनी ने 27091 और कांग्रेस के पूर्व मंत्री राव नरेन्द्र सिंह ने 13899 वोट प्राप्त किये थे। ओमप्रकाश यादव 4573 वोटों से चुनाव जीत गए थे। उन्हें ही इस बार यहां से भाजपा उम्मीदवार बनाया गया है। परंतु अबकी बार भाजपा उम्मीदवार ओमप्रकाश यादव मजबूत उम्मीदवार के रूप में उभरकर सामने आए हैं। यहां से सभी पार्टियों के उम्मीदवार ओमप्रकाश यादव को टक्कर तो दे रहे हैं, लेकिन विपक्ष पूर्णतया बिखरा हुआ है।

नांगलचौधरी विधानसभा क्षेत्र
नांगलचौधरी विधानसभा क्षेत्र की बात की जाए तो यहां से भी भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा विधायक डॉ. अभय सिंह यादव पर विश्वास जताते हुए उन्हें पुन: उम्मीदवार बनाया है। पिछले पांच साल के दौरान डॉ. अभय सिंह यादव ने नांगलचौधरी में खूब विकास कार्य सम्पन्न करवाए, जिसकी बदौलत उनकी स्थिति मजबूत मानी जा रही है। पिछले विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो डॉ. अभय सिंह यादव ने 33929 वोट हासिल करते हुए इनेलो प्रत्याशी मंजू को 981 वोटों से हराया था। मंजू को 32948 वोट हासिल हुए थे।

डॉ. अभय सिंह यादव द्वारा लगातार क्षेत्र की मांगों को विधानसभा में उठाने और नहरों में पानी को अंतिम टेल तक पहुंचाने का श्रेय मिला है। इस बार डॉ. अभय सिंह यादव का मुकाबला पूर्व विधायक मूलाराम से है, जो जजपा उम्मीदवार हैं।

अटेली विधानसभा क्षेत्र
अटेली विधानसभा क्षेत्र की बात की जाए तो यहां से भारतीय जनता पार्टी ने डिप्टी स्पीकर संतोष यादव का टिकट काटकर सीताराम यादव को टिकट दिया है। सीताराम को आरएसएस समर्पित कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है। अटेली सीट पर 2014 में संतोष यादव ने 64659 वोट हासिल कर इनेलो उम्मीदवार

सतबीर को 48601 वोटों के बडे अंतर से हराया था। यहां से सतबीर को 16058 वोट और कांग्रेस उम्मीदवार अनिता यादव को केवल 7727 वोट हासिल हुए थे। इस अटेली सीट पर भाजपा को किसी भी पार्टी द्वारा सीधे टक्कर नहीं मिल रही है, बल्कि जिले की चारों विधानसभाओं में सबसे ज्यादा वोटों के अन्तर से जितने की ओर अग्रसर होती हुई दिखाई दे रही है। एजेंसी हिस

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