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निर्भया का दोषी विनय अपनी मां और अन्‍य लोगों को पहचान नहीं पा रहा, वकील ने दी यह दलील

नई दिल्‍ली । निर्भया मामले के चारों दोषियों में से एक दोषी विनय शर्मा तिहाड़ जेल की सेल में अपना सिर दे मारा, जिससे उसे हल्की चोटें आने की खबर आई थी। अब दोषी के वकील ने दिल्ली की एक अदालत से संपर्क कर आग्रह किया है कि उसका मुवक्किल मानसिक बीमारी, शिजोफ्रेनिया और सिर में चोट से पीड़ित है और उसे बेहतर उपचार की दिया जाना चाहिए।

वकील ने अदालत को बताया कि दोषी विनय शर्मा अपनी मां सहित अन्य लोगों को नहीं पहचान पा रहा है। अभियोजक ने दोषी की मानसिक बीमारी और सिर की चोट के उपचार संबंधी याचिका का विरोध किया, कहा कि यह विचार योग्य नहीं है। अदालत ने दोषी विनय की याचिका पर तिहाड़ जेल के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे शनिवार को अपना जवाब प्रस्तुत करें।

बता दें कि विनय शर्मा द्वारा खुद को चोट पहुंचाए जाने के बाद अधिकारियों ने बताया कि घटना जेल संख्या तीन में रविवार की दोपहर हुई। उसे मामूली चोट आई है और जेल परिसर में ही उसका उपचार किया गया।

जेल अधिकारियों ने बताया कि विनय ने कुछ समय के लिए खाना छोड़ दिया था। उन्होंने बताया, ‘‘उसका स्वभाव चिड़चिड़ा है और अन्य तीन दोषियों की तुलना में उसका बर्ताव भी कुछ अलग है। बाकी के तीनों की तुलना में वह अलग है, अलग तरीके से पेश आता है।’’

जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘रविवार दोपहर विनय ने कोठरी के भीतर दीवार पर सिर पटका, इसमें वह घायल हो गया। सुरक्षाकर्मियों ने उसे ऐसा करते देख लिया और उसे तुरंत रोका तथा चिकित्सकों को बुलाया।’’

दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को आदेश दिया था कि निर्भया मामले के चारों दोषी मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) को तीन मार्च को सुबह छह बजे फांसी दी जाए।

अदालत को सूचित किया गया कि विनय तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर था हालांकि बाद में उसने अनशन तोड़ दिया। अदालत ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे कानून के मुताबिक विनय की उचित देखभाल करें।

विनय के वकील ने अदालत को सूचित किया कि दोषी के साथ जेल में मारपीट हुई है और उसे सिर में चोट आई है। उन्होंने कहा कि विनय गंभीर मानसिक रोग से पीड़ित है इसलिए उसे मौत की सजा नहीं दी जा सकती।

अदालत ने ‘मानसिक रोग’ के आधार को अस्वीकार करते हुए कहा कि यह मुद्दा शीर्ष अदालत के समक्ष उठाया गया था और चिकित्सकों की रिपोर्ट के आधार पर वह याचिका अस्वीकार कर दी गई थी। रिपोर्ट में चिकित्सकों ने कहा था कि दोषी ‘‘मानसिक रूप से संतुलित’’ है और ‘‘याचिकाकर्ता की सामान्य हालत स्थिर है।’’

सूत्रों के मुताबिक फांसी की तारीख नजदीक आने के साथ ही चारों दोषियों की मानसिक जांच नियमित रूप से की जा रही है। चारों दोषियों को जेल संख्या तीन में अलग-अलग कोठरियों में रखा गया है। जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चारों दोषियों पर लगातार नजर रखी जा रही है।

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