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अब दिसम्बर तक भरना होगा राजनैतिक पार्टियों को आयकर रिटर्न.

नई दिल्ली, 02 फरवरी= आम बजट में राजनैतिक दलों को आयकर के दायरे में शामिल किए जाने के बाद से अब उन्हें हर साल दिसम्बर तक आयकर विवरण जमा करना होगा। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने गुरुवार को यह बात कही। साथ ही उन्होंने साफ किया कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो राजनीतिक दलों को मिली कर छूट खत्म की जा सकती है।

राजस्व सचिव ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को चुनावी बॉंड के जरिये मिला चंदा गोपनीय होगा और चंदा देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी। इतना ही नहीं, चुनावी बॉंड के जरिये चंदा देने वालों की पहचान गुप्त रखने के लिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम को संशोधित किया जाएगा।

इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को पेश बजट में राजनीतिक दलों के चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया था। इसके तहत पार्टियां एक व्यक्ति से दो हजार रुपये ही नकद चंदा ले सकेंगी। पहले यह राशि 20,000 रुपये थी।

दानदाताओं का नाम उजागर करना होगा: बुधवार को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा था कि राजनीतिक पार्टियों को 2000 रुपये से अधिक चंदा देने वाले का नाम जाहिर करना होगा। साथ ही, दो हजार से अधिक का चंदा चेक या फिर डिजिटल माध्यम से ही लिया जा सकेगा। चंदा लेने में सुविधा के लिए जल्द अधिकृत बैंकों से चुनावी बाॉंड जारी किए जाएंगे। इतना ही नहीं, दलों को निर्धारित समय-सीमा के भीतर आयकर रिटर्न भी अनिवार्य रूप से भरना होगा।

चुनाव आयोग ने डाला था दबाव: चुनाव आयोग ने पार्टियों के चंदे को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव डाला था, साथ ही कुछ सुझाव भी दिए थे। मालूम हो कि इससे पहले नकद में चंदा लेने का हिसाब राजनीतिक दलों को नहीं देना पड़ता था। चंदे की रकम आयकर से भी बाहर थी, लेकिन इस छूट का फायदा उठाकर पार्टियां चंदे को लेकर बड़ा गड़बड़झाला करती थीं।

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