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अब पूरब में ‘कमल’ खिलाने के लिए जमीन तैयार करने में जुटी भाजपा

2019 में भी एकजुट रहेगा 33 दलों वाला राजग का कुनबा

भुवनेश्वर में हो रही दो दिवसीय कार्यकारिणी की बैठक से पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई राजग के घटक दलों की बैठक में 33 दल के नेता शामिल हुए। बैठक में आम सहमति से यह प्रस्ताव पारित हुआ कि, 2019 में राजग मोदी की अगुवाई में आम चुनाव में सफलता हासिल करने उतरेगा। जाहिर है कि इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद से भाजपा का हौंसला और बुलंद हुआ है और वह घटक दलों के विश्वास पर खरी उतरी है। ऐसे में अगर कोई अन्य दल भी राजग के कुनबे की ओर खींचा चला आए तो हैरत न होगी।

20 साल बाद ओडिशा में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक

ओडिशा में 20 साल बाद भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है। इससे पहले 1997 में भुवनेश्वर में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी हुई थी। उसके बाद राज्य में भाजपा और बीजू जनता दल के बीच गठबंधन हुआ था। जिसके बाद 1998 में केंद्र में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार बनी और बीजद इसमें शामिल हुआ। ओडिशा में भी भाजपा-बीजद गठबंधन की सरकार बनी। हालांकि अब इन दोनों पार्टियों के बीच संबंधों में तल्खी आ चुकी है। इन 20 सालों के बाद भाजपा एक बड़ी राजनीतिक ताकत के रुप में ओडिशा पहुंच रही है। ऐसे में भाजपा आलाकमान का भी मानना है कि बीजद सरकार की उल्टी गिनती शुरु हो चुकी है। दिलचस्प बात ये है कि भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद से अमित शाह ओडिशा से ही राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय हुए।

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केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान कहते हैं कि ओडिशा में प्रधानमंत्री की विश्वसनीयता ग्राफ देश के बाकी हिस्सों से ज्यादा है। इस भीषण गर्मी में भुवनेश्वर में कार्यकारिणी रखने का मतलब ही यही है कि ये राज्य भाजपा के लिए काफी अहम है। धर्मेन्द्र प्रधान की मानें तो केरल से लेकर बंगाल तक भाजपा अपना परचम लहराएगी जिसका केंद्र ओडिशा होगा।

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