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…तो आज से पर्यटक नहीं सुन पाएंगे बाघों की दहाड़

बहराइच, 14 जून = कतर्निया घाट वन्य जीव बिहार के दीदार पर 15 जून से प्रतिबंध लग जाएगा। संरक्षित वन क्षेत्र में पर्यटक भ्रमण नहीं कर सकेंगे। हालांकि इस बार वन विभाग ने पर्यटकों को मामूली राहत दी है। वन्यजीव अभ्यारण्य बंद होने के आवजूद अगर आपका मूड कतर्निया की सैर का है तो निराश नहीं होना पड़ेगा। रेस्टहाउस तक जा सकते हैं। लेकिन घने जंगल में प्रवेश वर्जित रहेगा। पर्यटक घड़ियाल सेंटर और गेरुआ नदी के तट का भी लुत्फ ले सकेंगे। 15 नवंबर से पुन वन्य जीव बिहार पुन सामान्य तरीके से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।

कतर्निया घाट संरक्षित वन क्षेत्र 551 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इस वन क्षेत्र में 07 रेंज हैं। इनमें कतर्निया घाट, निशानगाड़ा व मुर्तिहा रेंजों में दुर्लभ बाघ, तेंदुआ, काकड़, पाढ़ा, बारहसिंघा, गैंडे, हाथी समेत कई वन्य जीव बिहार करते हैं। जंगल के बीच से होकर बहने वाली नेपाल की गेरुआ नदी में डाल्फिन की उछलकूद पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है। घड़ियाल भी काफी संख्या में नदी के टापुओं पर रोमांचित करते हैं। लेकिन बरसात की आहट के चलते वन्यजीव बिहार में भ्रमण पर 15 जून से हर साल की तरह प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। हालांकि पर्यटकों की आमद को देखते हुए वन विभाग ने पर्यटकों को तनिक सी सहूलियत दी है।

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इस बार जंगल बंद होने के बावजूद अगर आपका मूड कतर्निया के सैर का है तो मोतीपुर, ककरहा और कतर्नियाघाट रेस्टहाउस पहुंचकर ठहर सकेंगे। वहीं पर जंगल की प्राकृतिक छटा भी देख सकेंगे। लेकिन जंगल के अंदर और बाघजोन में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। हां कतर्नियाघाट में स्थित घड़ियाल सेंटर और गेरुआ नदी के तट पर जरूर सैर कर सकेंगे। लेकिन बोटिंग नहीं कर सकेंगे। कतर्नियाघाट के वनक्षेत्राधिकारी आरकेपी सिंह ने बताया कि बरसात के महीने में जंगल में बने शेड खराब हो जाते हैं। रास्ते भी झाड़-झंखाड़ व जंगली घास से अवरुद्ध रहते हैं।

जंगबल के रास्तों पर कीचड़ और पानी पानी भर जाता है। वन्य जीवों के हमले का खतरा रहता है। जिससे आवागमन में परेशानी होती है। गेरुआ नदी में पानी अधिक होने से बोटिंग करने में भी खतरा रहता है। जिसके चलते प्रति वर्ष पांच महीने तक पर्यटकों के भ्रमण पर अंकुश लगा दिया जाता है। हालांकि पर्यटकों की डिमांड के चलते थोड़ी छूट दी गई है। जिसके तहत पर्यटक रेस्ट हाउस तक जा सकेंगे। घड़ियाल सेंटर और गेरुआ सफारी की भी सैर कर सकेंगे। बरसात का मौसम खत्म होने के बाद 15 नवंबर से वन्य जीव बिहार नई तैयारी के साथ पर्यटकों के भ्रमण के लिए पुन खोला जाएगा।

आनलाइन ही होगी बुकिंग

वन क्षेत्राधिकारी आरकेपी सिंह ने बताया कि जंगल बंद होने के दौरान भी अगर जंगल की सैर का मूड बनता है तो यूपी टूरिज्म की बेबसाइट आन कर आन लाइन बुकिंग करानी होगी। इसके बाद बुकिंग तिथि में रेस्ट हाउस पहुंच सकते हैं।

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