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शिक्षा के साथ संस्कारों को आत्मसात करने की जरूरत: प्रो. गिरीश

Uttar Pradesh.इलाहाबाद, 28 मार्च = नारी कोई सामान्य शब्द नहीं बल्कि एक ऐसा सम्मान है जिसे देवत्व प्राप्त है, इस बात का सभी को ध्यान रखना चाहिए। लोगों को शिक्षा के साथ संस्कारों का ध्यान रखकर मर्यादा पूर्ण आधुनिकता एवं तकनीकी को आत्मसात करने की जरूरत है।
उक्त विचार मोतीलाल नेहरु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में महिला एडवाइजरी सेल द्वारा ‘जेन्डर सेन्सीटिवीटी ऐट वर्क प्लेस’ विषय पर संस्थान के शिक्षकों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय बनारस के कुलपति प्रो. गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने व्यक्त किए।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. गिरीश चन्द्र त्रिपाठी एवं संस्थान के निदेशक प्रो.राजीव त्रिपाठी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। प्रो. राजीव त्रिपाठी ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति एवं परम्परा महिलाओं को सर्वोच्च स्थान प्रदान करती है। महिला एडवाईजरी सेल की चेयरमैन प्रो.गीतिका ने वर्तमान समय में सरकारी संस्थानों, प्रतिष्ठानों में महिलाओं के सम्मान की चर्चा करते हुए कहा कि संस्कार निर्माण में भी कानून को अग्रणी भूमिका निभाने की जरूरत है, जिससे लोग सम्बन्धों की मर्यादा का ध्यान रख सकें। विशिष्ठ अतिथि प्रो. जे.पी जोशी, एच बिजनेस पार्टनर ने भी महिलाओं के अधिकारों की विस्तार से चर्चा की।

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संस्थान के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी ने मुख्य अतिथि को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम की कोआर्डिनेटर डॉ रिचा नेगी ने महिलाओं के अधिकारों की चर्चा करते हुए कहा कि महिलाओं को राजनैतिक, व्यापारिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, खेलकूद इत्यादि क्षेत्रों में भी समान अधिकार मिलना चाहिए। कार्यक्रम की सह समन्वयक संस्थान की सहायक कुलसचिव इंजीनियर मनिषा यादव ने भी महिलाओं के अधिकारों एवं उनके सम्मान की चर्चा की। कार्यक्रम के अन्त में डॉ रिचा नेगी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में संस्थान के समस्त शिक्षक एवं प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।

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