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हंस राज हंस के सुरों में डूबा पटना, मन्त्रमुग्ध हुआ शहर

पटना, सनाउल हक़ चंचल- पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में चल रहे दशहरा महोत्सव में आज गजल एवं पार्श्व गायक हंसराज हंस ने अपना जलवा बिखेरा। इस अवसर पर पटना प्रमंडलीय आयुक्त श्री आनंद किशोर समेत कई अधिकारी मौजूद थे। वह कार्यक्रम पर पहले पटना प्रमंडलीय आयुक्त श्री आनंद किशोर ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए हंसराज हंस को बिहार के द्वारा एक स्मृति चिन्ह प्रदान किया। हंसराज हंस ने अपनी कला का जलवा कुछ इस तरह बिखेरा की पटनावासी मंत्रमुग्ध हो गए। सबसे पहले सूफी गायन का शुरुआत करके उन्होंने “वह भी अजीब दिल है” गाया उसके बाद लबों पर खुदा था। “वह भी एक अजीब दिल है”, निदा फाजली का 

कलाम गाते हुए उन्होंने स्वर्गीय गजल गायक श्री जगजीत सिंह को यह गाना ट्रिब्यूट किया। गाने का बोल था “गरज बरस प्यासी धरती पर फिर पानी दे मौला” हंसराज हंस ने कई पॉप गाने के साथ-साथ कई गजल सूफी गीतों को प्रस्तुत किया। वही जब उन्होंने कच्चे धागे फिल्म का गीत “खाली दिल नहीं जान भी मंगदा, इश्क दी गली विच कोई कोई लगदा” गाने पर गांधी मैदान में दर्शकों ने जमकर लुफ्त उठाया।

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दशहरा महोत्सव पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में राज्य सरकार के द्वारा मनाया जा रहा है, जिसकी नींव पटना प्रमंडलीय आयुक्त श्री आनंद किशोर ने 2014 में रखा था। आज इस कार्यक्रम के जरिए पटना में फिर से अपने अपने घरों से महिलाओं एवं पुरुष गांधी मैदान में दशहरा महोत्सव उत्सव का आनंद लेने भारी संख्या में पहुंच रहे हैं। हम कह सकते हैं कि पटना प्रमंडलीय आयुक्त की कई अनोखी कार्यों में से एक दशहरा महोत्सव पटना वासियों के लिए दशहरा पर्व पर एक बहुत बड़ा उपहार है जिसे आज पटना वासी मिलकर लुफ्त उठा रहे हैं।

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