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न पत्नी , न बेटी , भय्यूजी महाराज ने सेवादार को दिया 1000 करोड़ की संपत्ति का अधिकार

इंदौर (ईएमएस)। पिछले दिनों पारिवारिक तनाव के चलते खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने वाले आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज के सुसाइड नोट का दूसरा हिस्सा बुधवार को सामने आया है। इसमें उन्होंने अपनी तमाम आर्थिक जिम्मेदारियां अपनी मां और पत्‍नी को नहीं बल्कि सेवादार विनायक को सौंपी हैं। विनायक पिछले डेढ़ दशक से भय्यूजी महाराज के साथ रहे थे। इस मामले में इंदौर के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) ने बताया, सुसाइड नोट में संपत्ति के सभी अधिकार सेवादार विनायक को दिए हैं। विनायक पर उन्होंने सबसे ज्यादा भरोसा जताया है।

सुसाइड नोट में लिखा-संपत्ति विनायक देखे 

तलाशी लेने पर फोंरेंसिक एक्सपर्ट और पुलिस को कमरे से सुसाइड नोट मिला है। डीआईजी के मुताबिक, सुसाइड नोट में लिखा, ‘मैं फेडअप हो गया हूं इसलिए छोड़कर जा रहा हूं। आश्रम, संपत्ति संबंधी जो भी आर्थिक मामले हैं, उन्हें विनायक देखेगा। कुछ पंक्तियों में यह भी लिखा कि कोई उनकी पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाए।

सूत्रों के अनुसार,विनायक पिछले डेढ़ दशक से भय्यूजी के साथ छाया की तरह रहता आया हैं, भय्यूजी कई मामलों में विनायक से चर्चा करते थे और उनके परामर्श को महत्व भी देते थे। यही कारण है कि उन्होंने संपत्ति के समस्त अधिकार विनायक को सौंपे हैं। लेन-देन के सारे कामों में विनायक के हस्ताक्षरों का उपयोग होगा। अनुमान लगाया जा रहा हैं कि भय्यूजी की कुल संपत्ति एक हजार करोड़ रुपये के आसपास है। वहीं भय्यूजी के द्वारा सारी संपत्ति का अधिकार सेवादार विनायक को दिए जाने की बात पर मां और पत्नी ने हैरान जाहिर की है।

बेटी के कमरे में मारी खुद को गोली

पुलिस के मुताबिक, भय्यूजी महाराज दोपहर को अचानक बेटी कुहू के कमरे में रखे बींस बैग पर जाकर बैठ गए। कुछ देर बाद उन्होंने दाई कनपटी पर रिवॉल्वर अड़ाकर गोली मार ली। परिजन ने देखा शव के पास रिवॉल्वर पड़ी हुई है। परिजन, कर्मचारी और अनुयायी तुरंत उन्हें लेकर बॉम्बे हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने घर के आठ कमरों की तलाशी ली तो भय्यूजी महाराज के कमरे से पॉकेट डायरी में लिखा सुसाइड नोट मिल गया। कुछ ही देर में सोशल मीडिया के जरिए पूरे देश में यह खबर फैल गई। बॉम्बे हॉस्पिटल, बापट चौराहा स्थित आश्रम (सूर्योदय) और सिल्वर स्प्रिंग स्थित निवास के बाहर उनके समर्थक, नेता, अनुयायी और अफसरों की भीड़ जमा हो गई। भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस को 10 थानों का बल लगाना पड़ा।

कुछ देर पहले ही मां ने खाने का पूछा था 

परिवार के सूत्रों के अनुसार हादसे से कुछ देर पहले ही मां कुमुदनी देशमुख ने महिला कर्मचारी से पूछा था कि भय्यूजी ने खाना खाया या नहीं। इस पर उन्हें बताया गया कि उन्होंने खाना खा लिया है और वे अपने कमरे में हैं। देर शाम तक मां को घटनाक्रम और भय्यूजी महाराज की मौत के बारे में नहीं बताया गया।

आश्रम में लिखा आखिरी संदेश 

भय्यूजीजी महाराज ने आश्रम में अपने आखिरी संदेश में लिखा था कि आदमी के लिए विश्वास ही सब कुछ है, तुम अगर उस पर भी विश्वास को खो देते हो तो इससे बड़ा डाउनफाल दूसरा नहीं हो सकता।

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