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आईआईटी छात्रों ने बनाया ‘धड़कन ऐप’, इस तरह रखेगा आपके दिल का ख्याल

नई दिल्ली (ईएमएस)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के छात्रों ने ‘धड़कन’ नाम से एक मोबाइल ऐप्लिकेशन बनाया है। यह ऐप हार्ट पेशेंटों की नब्ज की निगरानी करेगा और आपातकालीन स्थिति में उनको चिकित्सा मुहैया कराएगा। ऐप को आईआईटी रुड़की के कंप्युटेशनल बायॉलजी ग्रुप ने ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) के विशेषज्ञों के साथ मिल कर बनाया है।

इस ऐप के माध्यम से, मरीज के स्वास्थ्य में किसी तरह का बड़ा बदलाव होने की स्थिति में, ऐप से डॉक्टर और मरीज के पास नोटिफिकेशन चला जाएगा। इससे पता चल जाएगा कि मरीज को गंभीर हार्ट अटैक आने वाला है। ग्रुप का नेतृत्व करने वाले डिपार्टमेंट ऑफ बायॉटेक्नॉलजी के असिस्टेंट प्रफेसर दीपक शर्मा ने बताया धड़कन से भारत को फायदा पहुंचेगा, जहां करीब एक करोड़ लोगों को दिल के रोग का खतरा है। इसका फायदा उठाने के लिए कोई चार्ज नहीं देना पड़ेगा। यह पूरी तरह फ्री ऐप है।

दीपक शर्मा ने बताया कि ऐप में रजिस्ट्रेशन करना होगा और पूरी डिटेल्स देनी होगी। मरीज को अपनी चिकित्सीय देखभाल में लगे डॉक्टर, नर्स या पैरामेडिक की जानकारी देनी होगी। ऐप मरीज का ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, वजन समेत डेटा संग्रह करता है और मरीज की देखभाल करने वाले डॉक्टर या अन्य चिकित्सा सहायक को भेजता है। उन्होंने बताया, ‘यह डॉक्टरों और मरीजों के बीच दो तरफा कम्युनिकेशन की सुविधा भी मुहैया कराता है। मरीज जरूरत पड़ने पर अपनी ईसीजी रिपोर्ट डॉक्टर को भेज सकता है।

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ऐप की मदद से न सिर्फ हर मरीज की मैनुअल मॉनिटरिंग की जरूरत खत्म हो जाएगी बल्कि उपचार अवधि के दौरान एहतियाती उपाय के सुझाव में भी मदद करता है।’ एम्स में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. संदीप सेठ ने बताया कि धड़कन के पहले वर्जन को मरीजों का डेटा रेकॉर्ड करने के लिए दो साल पहले विकसित किया गया था और इससे संस्थान में हार्ट फेल होने वाले मरीजों के चिकित्सीय प्रबंधन में काफी मदद मिली।

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