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आधी-अधूरी ही सौंप दी गई मेडिकल कॉलेज को ‘इमरजेंसी’

Uttar Pradesh.मेरठ, 05 अप्रैल= लाला लाजपत राय मेडिकल काॅलेज को एम्स की तर्ज विकसित करने में बड़ा खेल हो रहा है। 150 करोड़ रुपये की लागत से बनी हाईटेक इमरजेंसी को आधी-अधूरी हालत में मेडिकल काॅलेज को हैंडओवर कर दिया गया। इमरजेंसी बनाने वाली कंपनी से इन कमियों को पूरा कराने की बजाय मेडिकल काॅलेज प्रशासन अब अपने खर्चे पर उन्हें पूरा करा रहा है।

लंबे समय से एलएलआरएम मेडिकल काॅलेज को एम्स सरीखा बनाने के दावे किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में 150 करोड़ रुपये की लागत से मेडिकल काॅलेज में आधुनिक इमरजेंसी यूनिट बनाई गई है, लेकिन इतना मोटा पैसा खर्च होने के बाद भी यहां आधुनिक जैसा कुछ दिखाई नहीं देता। इमरजेंसी में आधुनिक उपकरणों के लिए कोई सपोर्टिंग सिस्टम ही नहीं बनाया गया। इमरजेंसी में लगे 16 वेंटीलेटर में आॅक्सीजन नहीं होने के कारण केवल चार-पांच वेंटीलेटर ही चालू हालत में है।

यह हालत इमरजेंसी का निर्माण करने वाली कंपनी की धांधली की वजह से हुई हैं और कंपनी इस इमरजेंसी को मेडिकल काॅलेज को हैंडओवर करके रफूचक्कर हो गई है। काम पूरा हुए बिना ही मेडिकल प्रशासन द्वारा इमरजेंसी को अपने अंडर में लेने पर सवाल उठ रहे हैं। कंपनी ने टेंडर में दी गई किसी भी शर्त का पालन नहीं किया। कंपनी ने इमरजेंसी को चार मंजिला नहीं बनाया। कंपनी ने आॅक्सीजन प्लांट के लिए टैंकर नहीं लगाए। आॅक्सीजन प्लांट में चालू होते ही आॅक्सीजन का रिसाव होने लगता है। जनता के पैसे को लूटकर निर्माण कंपनी के फरार होने के पीछे शासन के अधिकारियों की मिलीभगत मानी जा रही है।

आधुनिक इमरजेंसी बनाने के नाम पर हुए खेल को छिपाने के लिए मेडिकल काॅलेज प्रशासन अब अपने स्तर पर सिस्टम को ठीक करने की कवायद में जुटा है। इसके लिए नए सिरे से टेंडर छोड़कर कमियों को जनता के पैसे से दोबारा ठीक कराया जाएगा। सच संस्था के अध्यक्ष संदीप पहल ने इस धांधली की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करने का फैसला किया है।

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