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आयुर्वेद चिकित्सक भी अब लिख सकेंगे एलोपैथिक दवाएं : सिद्धार्थनाथ सिंह

लखनऊ, 07 नवम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए आयुर्वेदिक चिकित्सकों को एलोपैथिक दवाएं लिखने का अधिकार प्रदान कर दिया है। चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि आयुर्वेद विभाग में कार्यरत 2800 आयुष डॉक्टरों को स्वास्थ्य विभाग में भेज दिया गया है। प्रदेश के 2800 आयुष चिकित्सकों की तैनाती अब प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर कर दी जाएगी। 

उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार ने फैसला किया है कि आयुष चिकित्सकों को सामान्य एलोपैथिक दवाएं लिखने का भी अधिकार दिया गया है। इसके लिए करीब 15 दवाएं ऐसी हैं, जो सामान्य तौर पर इस्तेमाल होती हैं। आयुष डॉक्टर अब इसे भी मरीजों को लिख सकेंगे। 
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में डॉक्टरों की कमी पूरी करने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही चिकित्सकों की कमी को पूरा कर लेंगे। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में किराए पर चलने वाले आयुर्वेदिक हॉस्पिटल बंद किए जाएंगे। हमने पिछले सात महीने में डॉक्टरों की कमी को काफी हद तक कम किया है। इसके तहत कई निर्णय लिए गए हैं, जिनमें 1000 एमबीबीएस डॉक्टरों को संविदा पर नियुक्त करने का फैसला भी शामिल है। 

आयुर्वेद के निदेशक डा. ऋतुराज चौधरी ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि सरकार का जो भी निर्णय होगा हम उसके साथ हैं। केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के सदस्य डा.अनुरूद्ध वर्मा ने सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद ही समस्त चिकित्सा पद्धतियों की जननी है। सरकार को इसके उन्नयन के लिए कार्य करना चाहिए। 

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