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जीआर इंफ्रा कंपनी के इंजीनियर और मैनेजर के खिलाफ मामला हुवा दर्ज , बड़ौदा-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है कंपनी

जान हथेली पर लेकर करीब 15 घंटे तक नदी के उफनते पानी में फसे रहे मजदूर

केशव भूमि नेटवर्क / पालघर: बडौदा–मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही जीआर इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के इंजीनियर और मैनेजर के खिलाफ मजदूरो के जान के साथ खिलवाड़ करने के आरोप में आईपीसी धारा 188, 336, 34 के तहत मनोर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है.

पालघर जिले में एक हफ्ते से हो रही मुसलाधार और भारी बारिश के कारण मौसम विभाग ने जिले में रेड अलर्ट जारी किया था.जिसके बाद पालघर के कलेक्टर माणिक गुरसल ने लोगों से अपील करते हुए कहा था वे खतरे वाले क्षेत्रों में नहीं जाएं.अगर कही बाढ़ की स्थिति पैदा होती है, तो संभावित बाढ़ की स्थिति के अनुसार उचित सावधानी बरतें.

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उसके बावजूद भी बड़ौदा-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही जीआर इंफ्रा कंपनी के इंजिनियर और मैनेजर ने 10 मजदुरो के जान के साथ खिलवाड़ करने हुए उन्हें वैतारना नदी में चल रहे  पुल के निर्माण के कार्य पर लगाया था.बुधवार रात में भारी बारिश के कारण वैतरना नदी में अचानक पानी का स्तर बढ़ने से सभी मजदुर बिना खाना पानी के अपनी जान हथेली पर लेकर करीब 15 घंटे तक उफनते पानी मे फसे रहे .जिन्हें गुरुवार की सुबह में एनडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित बाहर निकाल कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर भेजा गया.

अधिकारियो को गुजारनी पड़ी थी पूरी रात   

घटना की जानकारी मिलते ही घटना स्थल पर पहुंचे पालघर के डीएम ने कामगारों को एयर लिफ्ट करके बाहर निकालने के लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से हेलीकॉप्टर की सहायता मांगा, हेलीकॉप्टर की सहयता मिलने के बाद भी अधिक बारिश और मौसम खराब होने के कारण यह सहायता मजदूरों तक नही पहुंचाई जा सकी .

  जिसके बाद पालघर के डीएम माणिक गुरसल ,एसडीएम तोरस्कर , तहसीलदार सुनील शिंदे ,एडिशनल एसपी प्रकाश गायकवाड समेत अन्य अधिकारियों कर्मियों और NDRF की टीम पूरी रात नदी में पानी कम होने का इंतजार करते रहे.सुबह बारिश और पानी का बहाव कम होने के बाद NDRF टीम ने किसी तरह सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला.गलिमत इस बात की थी की सभी मजदुर एक बार्ज पर सवार थे.जिस बार्ज की सहायता से यह मजदुर नदी में काम कर रहे थे.

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