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दिल्ली HC से मुख्तार अंसारी और अमनमणि त्रिपाठी को झटका, कोर्ट ने चुनाव प्रचार के लिए परोल देने से इनकार.

नई दिल्ली :=पूर्वांचल के बाहुबली नेता व बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में आरोपी मुख्तार अंसारी को दिल्ली हाई कोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है। चुनाव प्रचार के लिए ट्रायल कोर्ट से उन्हें मिले 15 दिन के परोल को हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। कोर्ट ने चुनाव आयोग की याचिका पर यह फैसला सुनाया है। मुख्तार अंसारी मऊ सदर विधानसभा सीट से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं

 साथ ही समाजवादी पार्टी से निकाले गए पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी को भी इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रचार करने के लिए परोल देने से इनकार कर दिया है। अमनमणि अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं।

मुख्तार अंसारी को सीबीआई कोर्ट से चुनाव प्रचार के लिए 15 दिन का पेरोल मिलने के बाद . इस मामले में चुनाव आयोग ने कोर्ट में दलील रखी कि उनके बाहर आने से कानून व्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है। आयोग का यह भी कहना था कि बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में आरोपी अंसारी परोल मिलने पर गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और वह समाज के लिए गंभीर खतरा हैं। आयोग की बात मानते हुए अदालत ने मुख्तार का परोल रद्द कर दिया।

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ऐसे में एक बार फिर उन्हें जेल में रहकर ही चुनाव लड़ना होगा। चार बार मऊ से विधायक रह चुके मुख्तार अंसारी इस बार सपा में जगह नहीं मिलने के कारण बीएसपी के प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में हैं। पिछले काफी समय से वह अपने कौमी एकता दल को सपा में विलय को लेकर चर्चा में रहे हैं। सीएम अखिलेश यादव के अड़ जाने के चलते एसपी में जब विलय नहीं हो पाया तो उन्होंने बीएसपी का दामन थाम लिया।

वह पहले भी बीएसपी में रह चुके हैं। बता दें कि पूर्वांचल में मुख्तार का काफी असर माना जाता है। खास तौर पर मुस्लिम मतदाताओं पर उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। मुख्तार दो बार बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और दो बार उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा है । तीन चुनाव उन्होंने जेल से ही लड़ा है । पिछला चुनाव उन्होंने 2012 में कौमी एकता दल से लड़ा और विधायक बने। वह लगातार चौथी बार विधायक हैं। फिलहाल पूर्वांचल में उनका काम उनके भाई और बेटे संभाल रहे हैं। मऊ में 4 मार्च को छठे चरण के तहत मतदान होना है।

अमनमणि को भी झटका हाल में एसपी से बाहर किए गए अमनमणि त्रिपाठी को हाई कोर्ट ने भी झटका दिया है। महराजगंज के नौतनवा से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे त्रिपाठी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वोट डालने और चुनाव प्रचार के लिए परोल देने से इनकार कर दिया। त्रिपाठी अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं 

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