उत्तर प्रदेशखबरेराज्य

दो लाख की सरकारी प्रेगनेंसी किट हर नतीजे में हो रही हैं फेल !

कौशांबी, 03 जून = जिले में जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। स्वास्थ्य महकमे की ओर से सरकारी अस्पतालों में सप्लाई की गई प्रेगनेंसी किट घटिया किस्म की है, जो नसबंदी से पहले महिला की प्रेगनेंसी की हालत को सटीक नहीं बताती। अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के टेस्ट में भी इसकी रिपोर्ट निगेटिव रहती है। ऐसे में पीएचसी और सीएचसी के डॉक्टरों ने इस प्रेगनेंसी किट की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा करते हुए इसके इस्तेमाल से इन्कार कर दिया है। हालात यह है कि घटिया प्रेगनेंसी किट को सीएमओ कार्यालय के गोदाम में पिछले तीन महीने से डंप कर दिया गया है।

बतादें कि महिलाओं की जांच के लिए करीब दो लाख प्रेगनेंसी किट की भारत सरकार के निर्देश पर जनवरी 2017 में एनएचआरएम योजना के तहत कौशाम्बी के सीएमओ ने नियमों को ताक पर रखकर निजी फर्म से खरीदारी की थी। किट जिले के प्रमुख सीएचसी व पीएचसी सेंटर को भेजी गई थी, जहां प्राथमिक जांच में ही फेल हो गई। डॉक्टरों के मुताबिक, गर्भवती की जांच इस किट से गई तो परिणाम निगेटिव आया। नतीजतन सीएचसी व पीएचसी प्रभारियों ने किट वापस कर दी। करीब पांच माह से किट विभागीय स्टोर की शोभा बढ़ा रही हैं। इन्हें वापस करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कोई पहल नहीं की।

सीबीएसई ने जारी किया 10वीं का परिणाम

क्या है किट

किसी महिला की नसबंदी करने से पहले उसके गर्भावस्था का परीक्षण किया जाता है। किट के माध्मम से डॉक्टर महिला का परीक्षण करता है। रिपोर्ट इनवैलिड आने पर यदि ऑपरेशन होता है तो गर्भ बना रहेगा, जिससे वांछित परिणाम नहीं मिल सकता।

क्या कहते हैं सीएमओ

सीएमओ डॉ एसके उपाध्याय कहते हैं कि प्रेगनेंसी किट की खरीदारी जनवरी 2017 में की गई थी। रिजल्ट अच्छा नहीं था। सरायअकिल सीएचसी से किट वापस आई है। अन्य सीएचसी व पीएचसी ने भी इसी तरह की शिकायत की है। सभी किट वापस मंगाई गई है। किट सप्लाई में गुणवत्ता की जांच में कहीं चूक हुई है।

Related Articles

Back to top button
Close