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पितृपक्ष में मोदी के बुलेट ट्रेन के भूमि पूजन पर भड़के हिन्दू धर्म गुरू , बोले “विनाश काले विपरीत बुद्धि”

धर्म : अहमदाबाद में 14 सितंबर को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में बहुप्रतीक्षित अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल परियोजना का भूमि-पूजन कार्यक्रम किया गया लेकिन यह भूमि पूजन कार्यकर्म पितृपक्ष में होने के नाते कुछ धर्म गुरू इस कार्यक्रम को लेकर सवाल उठा रहे है . एक धर्म गुरू इस भूमि पूजन से इस कदर भड़क गए कि उन्हों ने कहा ‘’श्राद्ध’’ में बुलेट ट्रेन का ‘’पूजन’’ विनाश काले विपरीत बुद्धि. 

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट यह प्रोजेक्ट पीएम मोदी का काफी महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट माना जाता है . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 14 सितंबर को अहमदाबाद में साबरमती के एथलेटिक ग्राउंड पर इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का भूमिपूजन किया.

 पितृपक्ष में जापानी प्रधानमंत्री आबे के हाथों मोदी अपने ड्रीम प्रोजेक्ट बुलैट ट्रेन का शिलान्यास करवा कर फंसते नजर आ रहे हैं। हिन्दू धर्म के रक्षक कहने वाले मोदी यह भुल गए कि पितृपक्ष में हिन्दू धर्म के अनुसार कोई शुभ कार्य शुरू नही किया जाता है । और अगर कोई कार्य करते है तो वो सफल नही हो पाता।

 वही अगर सूत्रों कि माने तो प्रदेश भाजपा भी मोदी के इस कदम से सकते में है. और हिन्दू धर्मगुरुओ में भी नाराजगी देखने को मिल रही जिसमे कुछ धर्म गुरू आपनी नाराजगी जाहिर भी कर रहे कुछ इस नाराजगी को लेकर चुप्पी साधे हुए है . धर्म गुरुओ का कहना है कि अगर चंद दिनों बाद आने वाले नवरात्री में यह भूमि पूजन किया गया होता तो उत्तम रहता .हालांकि सोशल मिडिया पर पितृपक्ष में हुए भूमि पूजन को लेकर सवाल उठ रहे है .

धर्मगुरु अचार्य प्रमोद ने टविट् करके इस बुलेट ट्रेन शिलान्यास को अशुभ बताते हुए उन्होने मोदी को तंज कसते हुए कहा कि “विनाश काले विपरीत बुद्धि”

इस प्रोजेक्ट को गुजरात चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है …

दिसंबर के पहले हफ्ते में गुजरात मे चुनाव होने कि  संभावना है और गुजरात मे पाटीदार पहले से ही भाजपा से नाराज है.इसे देखते हुए लोगो कि नाराजगी और चुनावी फायदा लेने के लिए आनन फानन में बुलेट ट्रेन के शिलान्यास का फैसला लिया गया है .पर लगता है कि जल्दबाजी में मोदी जी ने वक्त गलत चुन लिया.

 1.08 लाख करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगा यह प्रोजेक्ट …

अहमदाबाद में 14 सितंबर को रखी गयी अहमदाबाद-मुंबई उच्च गति रेल परियोजना 1.08 लाख करोड़ रुपये की लागत से तैयार कि जायेगी .भारत की यह पहली बुलेट ट्रेन परियोजना है .

साबरमती रेलवे स्टेशन के पास स्थित एथलेटिक स्टेडियम में मोदी और आबे ने बटन दबाकर भारत की क्रांतिकारी रेल परियोजना की शुरुआत की घोषणा की। जापान इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी (जेआइसीए) और केंद्रीय रेल मंत्रालय ने 508 किलोमीटर लंबे गलियारे वाली इस परियोजना के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस परियोजना के तैयार होने के बाद मुंबई –अहमदाबाद के बीच कि दुरी 7 घंटे से घट कर करीब 3 घंटे हो जायेगी .और इस बुलट ट्रेन में एक समय करीब 1200 यात्री सफ़र कर सकते है . इस परियोजना को पूरा करने के लिए 2022 तक का लक्ष्य रखा गया है .

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