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बिल्किस बानो मामले में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ नए निर्देश

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने बिल्किस बानो सामूहिक बलात्कार के मामले में गुजरात सरकार से दोषी अफसरों के विभागीय जांच संबंधी स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा है कि उन अधिकारियों के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है कि नहीं। सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट कहना है कि उन्हें सेवा में नहीं रखा जा सकता है। 

बिल्किस बानो के मामले में इन अधिकारियों ने मुंबई हाईकोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली 10 जुलाई को इन अधिकारियों की अर्जी खारिज कर दी थी। आज बिल्किस बानो के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दोषी अफसरों की सेवा अभी भी बरकरार है। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आज यह आदेश दिया।

ज्ञात रहे कि पिछली 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने बिल्किस बानो गैंगरेप मामले में मुंबई हाईकोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक लगाने की गुजरात के पुलिस अधिकारी राम सिंह भगोरा और चार दूसरे पुलिस अधिकारियों और दो डॉक्टरों की याचिका खारिज कर दी थी । कोर्ट ने कहा था कि सभी की सजा बरकरार रहेगी । दोनों डॉक्टरों को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने डॉक्टर होने के बावजूद पुलिस के कहने पर रिपोर्ट लिखी, ये आपने अपने पेशे के साथ सही नहीं किया।

भगोरा पर आरोप है कि उन्होंने साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की। आपको बता दें कि ट्रायल कोर्ट ने भगोरा को आरोपों से बरी कर दिया था। लेकिन मुंबई हाईकोर्ट ने भगोरा समेत सात पुलिसकर्मियों और डाक्टरों को सबूतों से छेड़छाड़ का दोषी पाया था। हालांकि सभी आरोपियों की जेल में बिताई जा चुकी अवधि को सजा मानते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था।

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