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ब्लैक फंगस वाले मरीजों के लिए खड़ा हुआ नया संकट, मरीजों में हड्डी गलन रोग से बढ़ी परेशानी

मुंबई. कोरोना के दौरान ब्लैक फंगस से पीडित मरीजों के लिए अब एक नया संकट पैदा हो गया है. मरीजों में एवस्कुलर नेक्रोसिस का नया रोग देखने को मिला है जिसमें मरीजों की हड्डियों में गलन होना शुरु हो गया है. मुंबई में अब तक इस मर्ज के 3 मरीज पाए गए हैं. इस नई बीमारी ने डॉक्टरों में चिंता बढ़ा दी है. जानकारों का कहना है कि आने वाले समय में इस जानलेवा बीमारी के मामलों की संख्या बढ़ सकती है.

मुंबई में एवस्कुलर नेक्रोसिस वाले तीनों मरीजों को हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी उम्र 40 साल से कम है. कोरोना से ठीक होने के दो महीने बाद, एवस्कुलर नेक्रोसिस के लक्षण विकसित होने लगे. ब्लैक फंगस और एवस्कुलर दोनों स्टेरॉयड के उपयोग से जुड़े हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया जाता है.

राज्य में ब्लैक फंगस के 8,920 मामले

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों में ब्लैक फंगस की बीमारी अब जानलेवा बन गई है. 25 मई से अब तक राज्य में ब्लैक फंगस के 8,920 मरीज मिले हैं. जिनमें से 1,014 की मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सबसे ज्यादा मौतें पुणे, मुंबई और नागपुर में हुई हैं.

कोरोना से पहले ब्लैक फंगस के साल में चार से पांच मरीज मिलते थे. लेकिन कोरोना वायरस के फैलने के कारण मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. 25 मई को राज्य में कोरोना के मरीजों में इस फंगल बीमारी का पता चला था. अब तक, 8,920 लोगों में यह बीमारी पाई गई है. जिसमें से 4 हजार 357 मरीज ठीक हो चुके हैं. 3 हजार 395 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है. वर्तमान में नए मरीजों की संख्या में कमी आई है.

स्वस्थ्य विभाग के अधिकारी के अनुसार राज्य में ब्लैक फंगस नेअब तक 1,014 लोगों की जान ले ली है. पुणे में 178, मुंबई में 129 और नागपुर में 118 लोगों की मौत हुई है. बीएमसी प्रशासन के मुताबिक मुंबई में इलाज कराने वाले ज्यादातर मरीज मुंबई के बाहर के हैं.

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