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यहाँ आलू प्याज से भी सस्ता मिलता हैं काजू ! जाने वजह.

झारखंड : महंगाई के इस ज़माने में जहा एक ओर दाल रोटी इतनी महंगी हो गई हैं इसमें बात काजू खाने की जाए तो जेब में हाथ रख कर कुछ देर सोचना पड़ेगा . क्योंकि 800 से 900 रूपये किलो में मिलने वाले ये काजू त्योहारों , शादी ब्याह या पूजा पाठ में ही मवसर होता हैं . ऐसे में आप को कहा जाये की  काजू 10 से 20 रूपये किलो में बिकते हैं तो आप को यकींन नहीं होगा . लेकिन यह बिलकुल सही हैं झारखंड में काजू बेहद सस्ते हैं. झारखंड के जामताड़ा जिले में काजू 10 से 20 रुपये प्रति किलो बिकते हैं. जामताड़ा के नाला में करीब 49 एकड़ इलाके में काजू के बागान हैं. बागान में काम करने वाले बच्चे और महिलाएं काजू को बेहद सस्ते दाम में बेच देते हैं. काजू की फसल में फायदा होने के चलते इलाके के काफी लोगों का रुझान इस ओर हो रहा है. ये बागान जामताड़ा ब्लॉक मुख्यालय से चार किलोमीटर की दूरी हैं. 

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कृपानंद झा को काजू खाना था बेहद पसंद 

सबसे दिलचस्प बात यह है कि जामताड़ा में काजू की इतनी बड़ी पैदावार चंद साल की मेहनत के बाद शुरू हुई है. इलाके के लोग बताते हैं जामताड़ा के पूर्व उपायुक्त कृपानंद झा को काजू खाना बेहद पसंद था. इसी वजह वह चाहते थे कि जामताड़ा में काजू के बागान बन जाए तो वे ताजी और सस्ती काजू खा सकेंगे.

इसी वजह से कृपानंद झा ने ओडिशा में काजू की खेती करने वालों से मिले. उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से जामताड़ा की भौगोलिक स्थिति का पता किया. इसके बाद यहां काजू की बागवानी शुरू कराई. देखते ही देखते चंद साल में यहां काजू की बड़े पैमाने पर खेती होने लगी.

हर साल हजारों क्विंटल काजू फलते हैं.

कृपानंद झा के यहां से जाने के बाद निमाई चन्द्र घोष एंड कंपनी को केवल तीन लाख रुपए भुगतान पर तीन साल के लिए बागान की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया. एक अनुमान के मुताबिक बागान में हर साल हजारों क्विंटल काजू फलते हैं. देखरेख के अभाव में स्थानीय लोग और यहां से गुजरने वाले काजू तोड़कर ले जाते हैं.

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100 हेक्टेयर भूमि लगेंगे काजू के पौधे

वही काजू की बागवानी में जुटे लोगों ने कई बार राज्य सरकार से फसल की सुरक्षा की गुहार लगाई, पर खास ध्यान नहीं दिया गया. पिछले साल सरकार ने नाला इलाके में 100 हेक्टेयर भूमि पर काजू के पौधे लगाए जाने की बात कही थी. पौधारोपण की सभी प्रकार की तैयारी विभाग ने पूरी कर ली है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत काजू पौधा लगाने की जिम्मेदारी जिला कृषि विभाग को दी गई, लेकिन अभी तक इसपर काम नहीं शुरू हो सका है.

किसानों की हालत सुधारने के लिए सरकार यहां काजू की बागवानी बढ़ाने और उन्हें उचित दाम दिलाने का वादा कर रही है.

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