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सहारा इण्डिया कम्पनी का लाइसेंस रद्द कराने को सैकड़ों किसान हुए लामबंद

लखनऊ, 06 फरवरी (हि.स.)। लखनऊ-सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित आठ गांवों के सैकड़ों किसान सहारा इण्डिया कामर्शियल कारपोरेशन लिमिटेड के विरूद्ध लामबंद हो गये हैं और कम्पनी का लाइसेंस रद्द कराने के लिए एलडीए के अधिकारियों से शिकायत की है। 

उत्तर प्रदेश में पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार में शासन स्तर से अनुमोदन प्राप्त कर सहारा इण्डिया कामर्शियल कारपोरेशन लिमिटेड एवं लखनऊ विकास प्राधिकरण के मध्य अगस्त माह वर्ष 2016 को एमओयू निष्पादित किया गया। तत्कालीन सरकार में लखनऊ-सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित गांवों चौरासी, चारैया, मलूकपुर ढ़कवा, दुलारमउ, बक्कास, मादरमउ खुर्द, मादरमउ कलां और मस्तमउ के किसानों की जमीनें विकास करने हेतु क्रय करने का लाइसेंस सहारा इण्डिया कम्पनी को दिया गया। 

बीते 18 माह में कम्पनी ने मात्र 128 एकड़ भूमि ही किसानों से क्रय की गयी और बाकी किसानों की भूमि नहीं खरीदी। क्रय भूमि पर बीते माह में कम्पनी ने कोई निर्माण कार्य नहीं किया और कोई विकास कार्य भी नहीं कराया गया। इससे आहत सैकड़ों किसानों ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के सचिव से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है। 

किसानों का कहना है कि आठ गांवों के किसानों को जमीन का उचित मूल्य प्राप्त नहीं हुआ है। जमीन भी पूरी नहीं खरीदी है और जो जमीन कम्पनी ने ली वहां स्कूल, तालाब, चिकित्सालय जैसे कोई विकास कार्य नहीं कराये गए हैं। ऐसे में एलडीए को कम्पनी का लाइसेंस रद्द कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कारण कोई भी किसान अपनी जमीन किसी अन्य व्यक्ति को बेच नहीं सकता। इसके कारण इन गांवों का हर किसान आर्थिक संकट से जूझ रहा है।

भारतीय किसान यूनियन (भानू) के मण्डल सचिव आशु चौधरी ने कहा कि किसानों की समस्या के मद्देनजर एलडीए के उपाध्यक्ष और सचिव स्तर पर किसानों की बात पहुंचाई गयी है और आगे जरूरत पड़ने पर आंदोलन का रूख किया जाएगा। किसी भी हाल में किसानों के हित की रक्षा की जाएगी। 

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