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योगी आदित्यनाथ ने कार्तिक पूर्णिमा-गुरू नानक जयन्ती पर दी बधाई

लखनऊ, 04 नवम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्तिक पूर्णिमा और गुरू नानक जयन्ती पर प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने शनिवार को ट्वीट किया, ‘‘आप सबको कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने बधाई दी, ‘‘आप सभी को गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।’’ वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘‘पूरे विश्व को सद्भाव और मानवता का संदेश देने वाले, गुरु नानक देव जी की जयंती पर आप सबको ढेरों शुभकामनाएं।’’

कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा की संज्ञा इसलिए दी गई है क्योंकि आज के दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे। ऐसी मान्यता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। इस दिन चन्द्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छः कृतिकाओं का पूजन करने से शिव की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फल मिलता है।

इसी दिन भगवान विष्णु ने प्रलय काल में वेदों की रक्षा के लिए तथा सृष्टि को बचाने के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था। वहीं महाभारत काल में हुए कार्तिक शुक्ल अष्टमी को पांडवों ने स्नान किया और कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी तक गंगा किनारे यज्ञ किया। इसके बाद रात में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए दीपदान करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। इसलिए इस दिन गंगा स्नान का और गढ़मुक्तेश्वर तीर्थ नगरी में आकर स्नान करने का विशेष महत्व है।

इसके अलावा मान्यता है कि इस दिन जो भक्त उपवास करके भगवान भोलेनाथ का भजन और गुणगान करता है उसे अग्निष्टोम नामक यज्ञ का फल प्राप्त होता है। इस पूर्णिमा को शैव मत में जितनी मान्यता मिली है उतनी ही वैष्णव मत में भी।

वहीं कार्तिक पूर्णिमा को गोलोक के रासमण्डल में श्रीकृष्ण ने श्रीराधा का पूजन किया था। कार्तिक पूर्णिमा को ही देवी तुलसी ने पृथ्वी पर जन्म ग्रहण किया था। कार्तिक पूर्णिमा को राधिका जी की शुभ प्रतिमा का दर्शन और वन्दन करके मनुष्य जन्म के बंधन से मुक्त हो जाता है। इस दिन बैकुण्ठ के स्वामी श्री हरि को तुलसी पत्र अर्पण करते हैं। कार्तिक मास में विशेषतः श्री राधा और श्री कृष्ण का पूजन करना चाहिए।
इसके अलावा कार्तिक पूर्णिमा को गुरू नानक देव का प्रकाशोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। क्योंकि इस दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरू नानक देव का जन्म हुआ था। इसे गुरु पर्व भी कहा जाता है।

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