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लोकप्रियता में कमल पर भारी हैं रजनीकांत , जाने दोनों का व्यक्तित्व

चेन्नई (ईएमएस)। दक्षिण भारत के दो सबसे बड़े सितारे, कमल हासन और रजनीकांत ने तमिलनाडु की राजनीति को दिलचस्प बना दिया है। दोनों ने लगभग एक साथ राजनीति में प्रवेश किया और सियासी गणित को पेचीदा कर दिया। सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि क्या दोनों एक साथ आएंगे? कमल हासन ने कहा था, साथ आने के बारे में तो सिर्फ समय ही बताएगा। उधर रजनीकांत ने कहा था कि कमल तमिलनाडु के लोगों की सेवा करना चाहते हैं, मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं। इस मित्रवत ब्यानबाजी को दोनों के साथ आने के संभावनाओं के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में यह जानना दिलचस्प होगा कि दोनों अभिनेताओं का अब तक का सफर कैसा रहा।

फिल्मी सफर:-

रजनीकांत ने 1975 में तमिल सिनेमा में कश्मीर बालाचंदर की ‘अपूर्व रागगल’ के साथ शुरुआत की थी। कमल हासन तब तक एक बड़े अभिनेता बन चुके थे। कमल हासन ने भी बालाचंदर के साथ काम किया। इसके बाद कमल हासन पिछड़ गए, जबकि रजनीकांत आगे बढ़ गए। कमल हासन और रजनीकांत ने क्रमशः 1981 और 1983 में बॉलीवुड में कदम रखा। कमल ने एक एक-दूजे जैसी रोमांटिक फिल्म को चुना जो ब्लॉकबस्टर साबित हुई। वहीं रजनी ने एक एक्शन फिल्म अंधा कानून को चुना और अपनी छाप छोड़ी। बॉलीवुड की रेस में कमल हमेशा रजनीकांत से आगे रहे।

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राजनीति में:-

अपने 63वें जन्मदिन पर कमल हासन राजनीति में आ गए। उन्होंने एक व्हिसल ब्लोअर किस्म का मोबाइल सॉफ्टवेयर ऐप लॉन्च करने की घोषणा करके राजनीति में प्रवेश किया।
दूसरी तरफ रजनीकांत अत्यंत सिनेमाई शैली में आए। उन्होंने राजनीति में आने की घोषणा कई बार की। लोगों की उम्मीदें बढ़ाईं और भारी उत्तेजना के बीच राजनीति में आने की घोषणा की। रजनी ने नाटकीय संकेतों के साथ राजनीति में प्रवेश किया। 2019 के लोकसभा चुनाव और तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में दोनों की शक्ति का परीक्षण होना है। कमल हासन ने अपनी पार्टी का नाम ‘मक्कल नीधि मय्यम’ रखा, जिसका अर्थ होता है, लोक न्याय केंद्र पार्टी। कमल जहां हर बड़े मसले पर अपनी बेबाक राय रख रहे हैं, वहीं रजनी अभी तक चुप ही हैं।

दोनों का व्यक्तित्व:-

रजनी आम जनता के सुपरस्टार हैं। अपने पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने कूलर मैकेनिक और बढ़ई जैसे कई काम किए। वह अभिनय से पहले बेंगलुरु परिवहन सेवा में कंडक्टर भी रहे। वे बिना मेकअप के नियमित रूप से लोगों के सामने आते हैं। वे एकमात्र ऐसा अभिनेता हैं, जिन पर सीबीएसई की बुक में एक चैप्टर है। 2000 में उन्हें पद्मभूषण देकर सम्मानित किया गया था। दूसरी तरफ कमल हासन अभिनेता होने के अलावा निर्देशक, पटकथा लेखक, निर्माता, पार्श्व गायक और गीतकार भी हैं। 1990 में कमल को पद्मश्री और 2014 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। कमल अभिनय के मामले में रजनी से बहुत ऊपर माने जाते हैं। लेकिन लोकप्रियता में रजनी अव्वल हैं।

पढ़ाई लिखाई:-

कमल हसन का जन्म सात नवंबर-1954 को एक हिंदू परिवार में वकील डी. श्रीनिवासन और गृहिणी राजलक्ष्मी के घर हुआ। चेन्नई जाने से पहले उन्होंने परमकुड़ी में अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की। फिल्म और ललित कलाओं के प्रति कमल का आकर्षण देखकर उनके पिता ने प्रोत्साहित किया। कमल की ज्यादातर पढ़ाई अंग्रेजी में हुई। जबकि रजनीकांत हमेशा सरकारी स्कूलों में ही पढ़े और उनकी ज़्यादातर पढ़ाई कन्नड़ में हुई। तमिल उन्होंने बाद में नाटक करने के दौरान सीखी। स्कूल और कॉलेज के दौरान रजनी ने गणित, वेदों और अन्य आध्यात्मिक विषयों की पढ़ाई की।

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