Home Sliderखबरेदेशनई दिल्ली

15 अगस्त को PM मोदी करेंगे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण

पलवल (हरियाणा), 28 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली से गुजरने वाले ईस्टर्न पेरिफेरल रोड का 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकार्पण करेंगे। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे 4,418 करोड़ की लागत से 135 किमी लम्बाई वाला देश का पहला एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस-वे बन रहा है। यह एक्सप्रेस-वे कुंडली से शुरू बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, फरीदाबाद होते हुए पलवल तक बनेगा। ईस्टन की तर्ज पर 135 किमी लम्बाई का वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे हरियाणा सरकार द्वारा कुंडली-मानेसर-पलवल तक बनाया जा रहा है।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय़ राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को ईस्टर्न पेरिपेरलव एक्सप्रेस-वे पर चल रहे कार्य का मुआयना करने के बाद यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस-वे में हाइवे ट्राफिक मैनेजमेंट सिस्टम, इलेक्ट्रानिक साइनेजस, वीडियो इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम, वार्निंग डिवाइसेस, ओवर स्पीड चेकिंग सिस्टम, वे-इन मोशन, फाइवर आप्टिक नेटवर्क सहित कई आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि ईस्टन पेरीफेरल एक्सप्रेस बनने से उप्र, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर को जाने वाले छोटे-बड़े वाहनों को दिल्ली नहीं आना पड़ेगा। इसका सबसे ज्यादा लाभ दिल्ली को होगा। दिल्ली की 50 फीसद ट्रैफिक जाम की समस्या हल होगी तथा राजधानी के प्रदूषण में भी तकरीबन 50 फीसद की कमी आएगी।

RPF ने कैश से भरा बैग लौटाया

गडकरी ने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे का अभी तक लगभग 60 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। इस समय हम एक आरओवी सौ दिन में बना रहे हैं। ईस्टन पेरीफेरल में ब्रिज, इंटरचेंज, फ्लाईओवर जैसे 389 स्ट्रक्चर के कार्य किए जा रहे हैं। उसमें 222 का काम पूरा हो गया है । इस एक्सप्रेस-वे पर छोटे ब्रिज- 45, रेलओवर ब्रिज-08, फ्लाईओवर-04, अंडरपास-77, पेड्रेस्ट्रियन अंडरपास-152 हैं।

एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास 05 नवम्बर, 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। प्रधानमंत्री ने 400 दिन में काम पूरा करने का लक्ष्य दिया था। गडकरी ने बताया कि अपायमेंट तारीख देने के बाद भूमि अधिग्रहण की समस्या के चलते 23 मई, 2016 को प्रत्यक्ष रूप से निर्माण कार्य शुरू हो सका। कार्य शुरू होने के बाद किसानों के आंदोलन के चलते बीच-बीच में कुल मिलाकर 48 दिन काम बंद रहा। उन्होंने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं कि निर्धारित समय अगस्त, 2017 तक काम पूरा हो सके। इसके लिए एनएचएआई और ठेकेदार पर हम दबाव बनाए हुए हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह पहला ऐसा निर्माण कार्य है जिसमें किसानों को सबसे ज्यादा मुआवजा दिया जाएगा लगभग 7.5 से 8 हजार करोड़ रुपए मुआवजा होगा। उन्होंने बताया किस तरह हर स्थान पर सड़क के काटते हुए रास्तों को अंडरपास दिया गया है । इस एक्सप्रेस-वे से स्थानीय भूखंडों की कीमत में 3 गुना बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि हर दिन निर्माण में एक लाख सीमेंट की बोरियां प्रयोग हो रही हैं। इस सड़क के किनारे पेड़ लगाकर इसे ग्रीन एक्सप्रेस वे बनाया जाएगा।

Related Articles

Back to top button
Close