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CBI मामला : 2013 के नरेंद्र मोदी के ट्वीट को लेकर अरविंद केजरीवाल ने अब यूं घेरा , कांग्रेस भी …..

नई दिल्ली: सीबीआई vs बीआई मामले में सरकार ने जैसे ही सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजा, वैसे ही विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया. सीबीआई में जारी जंग का मामला आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा दिया है और केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी है. वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई की आंतरिक कलह के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को घेरने के लिए 2013 के उनके एक ट्वीट को रीट्वीट किया जिसमें मोदी ने तत्कालीन संप्रग सरकार पर देश के खुफिया तंत्र को कथित तौर पर कमजोर करने का आरोप लगाया था. बता दें कि सरकार ने सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने के चलते बुधवार को छुट्टी पर भेज दिया.

इस मामले में अरविंद केजरीवाल ने कई ट्वीट करके सीबीआई निदेशक को छुट्टी पर भेजने के मोदी सरकार के अधिकार पर प्रश्न उठाया और साथ ही संदेह जताया कि कहीं यह कदम राफेल सौदे से जुड़ा तो नहीं है. केजरीवाल ने मोदी द्वारा पांच जून 2013 में किए गए ट्वीट को रीट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा था, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने की इच्छा के चलते केन्द्र खुफिया तंत्र को कमजोर कर रहा है और सीबीआई आईबी अधिकारियों से पूछताछ कर रही है.’ बता दें कि कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकार 2013 में सत्ता में थी.

अरविंद केजरीवाल ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘सीबीआई निदेशक को छुट्टी पर भेजने के पीछे की वजह क्या है? लोकपाल अधिनियम के तहत नियुक्त किए गए एक जांच एजेंसी के प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार मोदी सरकार को किस कानून के तहत मिला. मोदी क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं?” 

बुधवार को शाम के वक्त केजरीवाल ने त्रिनगर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने देर रात तीन बजे सीबीआई के निदेशक को बर्खास्त कर दिया. क्या आप यह जानते हैं? क्यों? मैं बताता हूं क्योंकि मोदी सरकार एक राफेल लड़ाकू विमान 1,500 करोड़ रुपए में खरीद रही है. पहले इसका मूल्य 546 करोड़ रुपए था। वे 36 राफेल विमान खरीदने में 36,000 करोड़ रुपए का घेाटाला कर रहे हैं.’ 

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जब सीबीआई के निदेशक (आलोक वर्मा), जो इमानदार व्यक्ति हैं, ने इस मामले की जांच शुरू की तो अचानक रात तीन बजे उन्हें हटा दिया गया.’. बता दें कि इस मामले पर कांग्रेस भी हमलावर है और शुक्रवार को सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने का ऐलान भी कर दिया है. 

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