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उत्तर प्रदेश के 15 जिले और दिल्ली के 20 इलाके पूरी तरह सील, अब मास्क हुआ अनिवार्य

नई दिल्ली । बुधवार और गुरूवार की मध्य रात्रि से पहले ही दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बरती जा रही सख्ती और की जा रही पूछताछ बता रही है कि कोरोना से लड़ाई नए दौर में पहुंच गई है। अब तक देशव्यापी लॉक डाउन था। पर अब राज्यों के जिलों में चिन्हित इलाकों को सील करने के कदम उठाए जाने लगे हैं। सील का मतलब बताया जा रहा है सुपर कर्फ्यू। हालांकि पंजाब और राजस्थान दो राज्य पहले से ही ऐसे हैं जहां कर्फ्यू जारी है। वहीं महाराष्ट्र देश में सबसे बड़ी संख्या के साथ कोरोना से जूझ रहा है। महाराष्ट्र ने ही सबसे पहले सीलिंग की शुरूआत की थी और 241 इलाके चिन्हित करके सील कर दिए हैं। अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को तो यह आह्वान करने को मजबूर होना पड़ा है कि सेना व अन्य सेवाओं के प्रशिक्षित लोग आगे आएं और इस संकट के दौर में मदद करें।

महाराष्ट्र के बाद देश की राजधानी दिल्ली कोरोना के मामलों में दूसरे नंबर पर है। ऐसे में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखकर दिल्ली सरकार ने पहले से चिन्हित किए गए 20 हॉट स्पॉट पूरी तरह सील कर दिया है। इसे सुपर कर्फ्यू जोन बताया जा रहा है। यानी अब इन इलाकों में रहने वाले लोग अगले आदेश तक घर से बाहर नहीं निकल पाएंगे। इन इलाकों में निजामुद्दीन का वह इलाका भी है, जहां मरकज है और जिसे देश भर में कोरोना फैलाने का एक बड़ा कारण समझा जा रहा है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश और दिल्ली में जो लोग पास सहित बाहर आ भी रहे हैं, वे भी अब बिना मास्क के लोग घर से बाहर भी नहीं जा पाएंगे। बिना मास्क पहने घर से बाहर निकलने पर जुर्माना सहित कानूनी कार्रवाई हो सकती है। इसके साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने फैसला किया है कि राज्य सरकार का कोई भी विभाग वेतन के अतिरिक्त किसी अन्य मद में राज्य सरकार की अनुमति के बिना कुछ भी खर्च नहीं कर सकेगा।

बुधवार को हॉट स्पॉट सील करने की शुरूआत उत्तर प्रदेश से हुई। दोपहर बाद 3 बजे उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि राज्य के 15 जिलों में चिन्हित हॉट स्पॉट को बुधवार रात 12 बजे से पूरी तरह सील कर दिया जाएगा। पूरी खबर सामने आने से पहले ही न्यूज चैनलों पर जिलों के नाम आने लगे, इससे इन जिलों में आवश्यक जरूरतों के लिए लोग सड़कों और बाजारों पर दौड़ पड़े। सोशल डिस्टैंशिंग, जो 15 दिन से लागू थी, एक ही झटके में बिखर-सी गई। लोग आटा-दाल आदि राशन के सामान को जुटाने की बदहवासी में दुकानों पर जुटी भारी भीड़ में घुसने को मजबूर हुए। वहीं सब्जी के लिए भी मारा-मारी के हालात पैदा हो गए। सबसे ज्यादा जोर आलू और प्याज पर दिखा। दोपहर 12 बजे तक 20 रू. किलो बिकने वाला आलू-प्याज शाम होते तक 50 पार कर गया। देर शाम स्थिति साफ हुई कि पूरा जिला नहीं बल्कि चिन्हित किए गए इलाके ही सील होंगे, इसके बाद ही स्थिति नियंत्रण में आ पाई। उन इलाकों को हॉट स्पॉट माना गया है जहां 6 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए हैं।

उत्तर प्रदेश ने 15 जिलों के जिन 114 हॉट स्पॉट को सील करने का फैसला किया, उसके बारे में बहुत साफ कर दिया कि 8 अप्रैल की रात 12 बजे के बाद इन चिन्हित बस्तियों या अपार्टमेंट्स में अब न कोई जा सकेगा और न ही वहां से बाहर निकल सकेगा। सील किए गए इलाकों में सभी तरह की जरूरत का सामान स्वयं प्रशासन पहुंचाएगा। इसके लिए एक विशेष नंबर सील किए गए इलाकों में बांटा जाएगा। दूध, सब्जी, फल, राशन का सामान व दवाइयां इत्यादि सभी प्रकार का जरूरत का सामान प्रशासन स्वयं घर के दरवाजे तक पहुंचाने की व्यवस्था करेगा। इसके लिए स्थानीय दुकानदारों से मदद लेगा। ऑनलाइन सामान मंगाने की छूट होगी। इस सील किए गए इलाकों में रहने वाले डॉक्टर, प्रशासनिक अधिकारी और पत्रकार को ही घर ने निकलने की छूट होगी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने स्पष्ट कर दिया कि सील किए गए इलाकों में बाहर के रिपोर्ट्स को भी जाने की छूट नहीं होगी। यहां तक कि अब तक जारी किए गए कर्फ्यू पास की भी समीक्षा की जाएगी और अनावश्यक पाए जाने पर वे निरस्त भी किए जाएंगे।

उत्तर प्रदेश में मास्क अनिवार्य करने के साथ ही हॉट स्पॉट सील करने जैसे कठोर कदम उठाए जाने के बाद दिल्ली सरकार ने भी कठोर कदम उठाने का फैसला किया। शाम को साढ़े पांच बजे आयोजित पत्रकार वार्ता को टालकर मुख्यमंत्री ने आपात बैठक बुलाई। इसके बाद शाम 8 बजे दिल्ली सरकार ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कई कठोर फैसले घोषित किए। इसमें दिल्ली में भी मास्क अनिवार्य किया गया। इसके साथ ही जिन इलाकों से कोराना संक्रमित मरीज पाए गए हैं, ऐसे 20 हॉट स्पॉट को सील करने का फैसला किया गया।

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