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जीएसटी से बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा, घटेंगे वस्तुओं के दाम : पीएम

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (हि.स.)। नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के मुद्दे पर विपक्षी दलों की आलोचना झेल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीएसटी से कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेंगी जिससे वस्तुओं के दाम घटेंगे और इससे गरीब और मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि जनता के हितों के लिए सरकार नया उपभोक्ता संरक्षण कानून भी तैयार कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात गुरुवार को यहां विज्ञान भवन में नये बाजार में उपभोक्ताओं के सशक्तिकरण विषय पर पूर्व, दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में कही। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “अभी हाल ही में भारत ने जीएसटी को भी लागू किया है। जीएसटी के बाद देश में अलग-अलग तरह के दर्जनों अप्रत्यक्ष कर का जाल खत्म हुआ है। कितने ही तरह के छिपे हुए कर भी खत्म हो गए हैं। उपभोक्ता को अब सामने रसीद पर दिखता है कि उसने कितना टैक्स राज्य सरकार को दिया, कितना केंद्र सरकार को। बॉर्डर पर ट्रकों का लगने वाला लंबा जाम भी खत्म हो गया है।’ 
उन्होंने कहा, “जीएसटी से देश को एक नया बिजनेस कल्चर मिल रहा है| लॉन्ग टर्म में जीएसटी का सबसे बड़ा फायदा उपभोक्ता को ही होगा। ये एक पारदर्शी व्यवस्था है जिसमें कोई उपभोक्ता के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं कर पाएगा। इसका भी सीधा फायदा गरीब और मध्यम वर्ग के उपभोक्ता को होगा।’

उन्होंने कहा कि देश की जरूरतों व आज के व्यापारिक तौर-तरीकों को ध्यान में रखते हुए एक नया उपभोक्ता संरक्षण कानून तैयार किया जा रहा है। इसमें उपभोक्ता सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया जाएगा और भ्रामक विज्ञापनों पर नकेल कसी जा सकेगी। उपभोक्ता की परेशानी कम समय में, कम खर्च में दूर हो, इसके लिए नियम सरल किए जा रहे हैं। तुरंत सुनवाई के लिए कार्यकारी शक्तियों के साथ केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण का गठन भी किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि भारत में उपभोक्ता संरक्षण सैकड़ों-हजारों वर्षों से शासन का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। हमारे वेदों में भी उपभोक्ता संरक्षण का जिक्र है। गलत तरीके से व्यापार करने वाले को सजा देने के बारे में बताया गया है। दक्षिण एशिया में अपनी तरह का पहला आयोजन, तटीय अर्थव्यवस्था को कई देशों से जोड़ेगा। 

उन्होंने कौटिल्य का जिक्र करते कहा, ‘आप जानकर हैरान होंगे कि लगभग ढाई हजार साल पहले कौटिल्य के समय में बाकायदा शासन के लिए गाइडलाइन्स परिभाषित की गई थी कि कैसे व्यापार को नियमित किया जाएगा और कैसे सरकार उपभोक्ता के हितों की रक्षा करेगी। कौटिल्य काल में शासन द्वारा जिस तरह की व्यवस्था की गई थी, आज के हिसाब से उन पदों को व्यापार के निदेशक और सुपरिटेंडेंट ऑफ स्टैंडर्ड कहा जा सकता है। हमारे यहां ग्राहक को भगवान माना जाता है, कई दुकानों में आपको लिखा मिल जाएगा- ग्राहक देवो भव: । चाहे कोई भी बिजनेस हो, उसका एकमात्र मकसद उपभोक्ता की संतुष्टि होना चाहिए।’

मोदी ने कहा कि भारत उन कुछ देशों में शामिल है जिसने यूएन गाइडलाइंस लागू होने के अगले ही साल यानि 1986 में ही अपना उपभोक्ता संरक्षण कानून लागू कर दिया था। उन्होंने रियल एस्टेट विनियामक अधिनियम (आरईआरए) का जिक्र करते हुए कहा कि इससे घर खरीदने वाले उपभोक्ताओं के हितों का संरक्षण होगा। पहले बिल्डरों की मनमानी की वजह से वर्षों तक लोगों को अपने घरों के लिए इंतजार करना पड़ता था। फ्लैट के एरिया को लेकर भी भ्रम की स्थिति बनी रहती थी। अब आरईआरए के बाद केवल रजिस्टर्ड डवलपर्स ही सभी आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के बाद घर की बुकिंग कर सकेंगे। इसके साथ ही सरकार ने बुकिंग अमाउंट की सीमा को भी 10 प्रतिशत पर फिक्स कर दिया है। 

उन्होंने कहा कि पहले ये होता था कि बिल्डर, घरों की बुकिंग के बाद मिलने वाले पैसे को दूसरे प्रोजेक्ट में लगा देते थे। अब सरकार ने ऐसा प्रावधान किया है कि खरीदार से मिलने वाली 70 प्रतिशत राशि “एस्क्रो” अकाउंट (तीसरे पक्ष) में डालनी होगी और ये राशि उसी प्रोजेक्ट पर खर्च हो सकेगी। इसी तरह ब्यूरो ऑफ भारतीय मानक अधिनियम भी बनाया गया है। अब जनता से जुड़ी किसी भी वस्तु या सेवा को कंपल्सरी सर्टिफिकेशन के अंतर्गत लाया जा सकेगा। इसके तहत खराब क्वालिटी की वस्तुओं को बाजार से वापस करने और उससे अगर उपभोक्ता को नुकसान हुआ है, तो उसकी भरपाई का भी प्रावधान किया गया है।

सम्मेलन में उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान, उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री सीआर चौधरी, श्रीलंका, थाइलैंड, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, फिलीपींस, नेपाल, मंगोलिया, वियतनाम, जापान, भूटान, कंबोडिया, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, म्यामांर, चीन, ब्रुनेई, मलेशिया, ईस्ट तिमोर, लाओस के राजदूतों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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