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पटना : एम्स में इस बड़ी बीमारी का इलाज शुरू, अब नहीं भटकना पड़ेगा मरीजों को

पटना, सनाउल हक़ चंचल-

आपके लिए खुशखबरी है. अब ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को इलाज के लिए बिहार के बाहर नहीं जाना होगा. या फिर अब मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने होंगे. पटना एम्स में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की जांच और इलाज की सुविधा मिलने लगी है. लेकिन, अभी रेडियोलॉजिकल इंटरवेंशन वाली सुविधाएं ही मिल रही हैं. फैकल्टी की कमी से ब्रेन सर्जरी की सुविधा शुरू नहीं हुई है. कुछ ब्रेन स्ट्रोक के मरीज को सर्जरी बैकअप की भी जरूरत होती है.

फिलहाल जो मरीज ओपीडी में आते हैं और अगर उनका इलाज रेडियोलॉजिकल इंटरवेंशन से हो सकता है, तो किया जाता है. इसके लिए डिजिटल सब ट्रैक्शन एंजियोग्राफी मशीन की मदद ली जा रही है. इस मशीन से जांच और इलाज दोनों होता है. इसकी कीमत करीब सात करोड़ है. इससे अबतक 200 से अधिक मरीजों की जांच और इलाज हो चुका है.

निदेशक डॉ. पीके सिंह ने बताया फिलहाल ब्रेन सर्जरी और आईसीयू की सुविधा नहीं है. फैकल्टी की नियुक्ति होने पर न्यूरो सर्जरी विभाग पूरी तरह से कार्यरत होने पर वह सुविधा भी मिलने लगेगी. इस मशीन से जांच करके ब्रेन स्ट्रोक की आशंका का भी पता किया जाता है. डीएसए से ब्लीडिंग का कारण और स्थान भी लोकेट किया जा सकता है. पेरिफेरल्स वेसल एंजियोग्राफी, स्क्रोलोजिंग थेरेपी फाॅर ब्लीडिंग वेसल की जा सकती है. ब्लीडिंग भी बंद की जा सकती है.

सरकारी अस्पतालों में सिर्फ पटना एम्स में ही डीएसए मशीन है. कुछ प्राइवेट अस्पतालों में यह मशीन है, लेकिन महंगा इलाज है. एम्स में डीएसए से जांच और इलाज कराने के लिए फिलहाल कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है. लेकिन, इसके लिए जो कंज्युमेबल्स लगता है वह मरीज को देना पड़ता है. कंज्युमेबल्स का खर्च दो हजार रुपए से 50 हजार रुपए भी हो सकता है.

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