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अनोखा बजट सुनकर बूढ़े माँ –बाप के चेहरे खिले , अब माता-पिता का ध्यान नहीं रखने वालो की कटेगी सैलरी.

नई दिल्ली (ए. 8 FEB) . देश का वजट पेश होने के बाद ही असम की भाजपा सरकार के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने मंगलवार को 2017-18 के लिए राज्य का बजट पेश किया। जिसमे बीजेपी सरकार ने बजट में अपने कर्मचारियों के वेतन में बुजुर्गों की देखभाल जोड़ने का प्रस्‍ताव रखा है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कर्मचारी अपने माता-पिता का बुढ़ापे में ध्यान रखें। इस प्रस्ताव के मुताबिक, जो कर्मचारी अपने मां-बाप का ध्यान नहीं रखेंगे सरकार उनकी तनख्वाह का एक हिस्सा काट लेगी।जिसे सुन कर उन बूढ़े माँ –बाप के चेहरों पर ख़ुशी दौड़ गयी जिनके बच्चे उनका ध्यान नहीं रख रहे है ,

मंगलवार को असम के वित्त मंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने विधानसभा में राज्य का 2,349.79 करोड़ रुपए के घाटे का बजट पेश बजट पेश करते हुए कहा कि केवल आगामी वित्त वर्ष के बजटीय अनुमानों को ध्यान में रखा जाए तो अनुमानित घाटा 367.19 करोड़ रुपए रहेगा। सरकार ने बजट में अपने कर्मचारियों के वेतन में बुजुर्गों की देखभाल से जोडऩे का भी प्रस्ताव रखा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे अपने माता-पिता का ध्यान रखेंगे। साथ ही मंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने यह भी कहा कि हर सरकारी कर्मचारी को अपने माता-पिता का ध्यान रखना ही चाहिए .अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो सरकार उन कर्मचारीयो की सैलरी का एक हिस्सा काट लेगी और वह उनके माता-पिता को दे देगी। इसलिए बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करना हर किसी की जिम्मेदारी है। अगर सरकारी नौकरी वाला बेटा  अपने बूढ़े मां-बाप का ध्यान नहीं रख सकता तो फिर यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह उनके वेतन से ऐसा करे।

 

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