Home Sliderदेशनई दिल्ली

आयुष्मान योजना-गरीबों के इलाज के लिए बड़ी सौगात

नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.) । केन्द्र सरकार ने स्वास्थय सेवाओं को सबके लिए सुलभ और सहज बनाने के लिए आयुष्मान भारत योजना की घोषणा की। इसके योजना के तहत 2022 तक सर्व जन के स्वास्थय कवर करने का लक्ष्य है। इसके साथ ही देश भर के जिला अस्पतालों को अपग्रेड करके 24 नये मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों की स्थापना की जाएगी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आम बजट पेश करते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य देखरेख की पहुंच में वृद्धि करने के उद्देश्य से देश में मौजूदा जिला अस्पतालों को अपग्रेड करके 24 नए सरकारी चिकित्सा कॉलेजों और अस्पतालों की स्थापना की जाएगी। इस कदम से सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक 3 संसदीय क्षेत्रों के लिए कम से कम एक चिकित्सा कॉलेज और देश के प्रत्येक राज्य में कम से कम एक सरकारी चिकित्सा कॉलेज उपलब्ध हो। 

अरुण जेटली ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों से समग्र रूप से निपटना हैं। स्वास्थ्य एवं देखभाल केंद्र- राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में 1.5 लाख केंद्रो को लोगों के समीप लाया जाएगा। ये स्वास्थ्य केंद्र असंचारी रोगों और मातृत्व तथा बाल स्वास्थ्य सेवाओं सहित व्यापक स्वास्थ्य देखरेख उपलब्ध कराएंगे। ये केंद्र आवश्यक दवाईयाँ और नैदानिक सेवा भी मुफ्त उपलब्ध कराएंगे। इस महत्तवपर्ण कार्य के लिए 1200 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। इन केंद्रों को अपनाने के लिए सीएसआर और लोकोपकारी संस्थाओं के जरिए निजी क्षेत्र को आमंत्रित किया गया है। 

जेटली ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना- आयुष्मान भारत के तहत इन दूरगामी पहलों के तहत 10 करोड़ से अधिक गरीब एवं कमजोर परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) को दायरे में लाने के लिए एक फ्लेगशिप राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना शुरू की जाएगी जिसके तहत द्वितीय और तृतीय देखरेख अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति परिवार 5 लाख रूपये प्रति वर्ष तक का कवरेज प्रदान किया जाएगा। यह विश्व का सबसे बड़ा सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य देखरेख कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम के सुचारू कार्यान्वयन हेतु पर्याप्त धन राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए गोबर-धन योजना

खुले में शौच से गांवों को मुक्त करने तथा ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकर ने गोबर-धन (गैलवनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्स धन) योजना के शुभारंभ की घोषणा की है। इस योजना के अंतर्गत पशुओं के गोबर और खेतों के ठोस अवशिष्ट पदार्थों को कम्पोस्ट, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में परिवर्तित किया जाएगा।

केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को संसद में वर्ष 2018-19 का बजट पेश करते हुए उक्त घोषणा की। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा कि अवसंरचना विकास, विपरीत सतह सफाई, ग्रामीण स्वच्छता आदि के लिए नमामि गंगे योजना के तहत 16,713 करोड़ रुपये की लागत से 187 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इनमें से 47 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं| शेष परियोजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि गंगा नदी के किनारे बसे 4465 गंगा गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है।

श्री जेटली ने कहा कि समावेशी समाज निर्माण के विजन के तहत सरकार ने विकास के लिए 115 जिलों की पहचान की है। इन जिलों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, सिंचाई, ग्रामीण विद्युतीकरण, पेयजल, शौचालय तक पहुंच आदि में निवेश करके निश्चित अवधि में विकास की गति को तेज किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि ये 115 जिले विकास के मॉडल साबित होंगे।

Related Articles

Back to top button
Close