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जंतर-मंतर पर आंदोलन बैन मामला: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और एनडीएमसी को भेजा नोटिस

नई दिल्ली, 22 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन पर बैन करने के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और एनडीएमसी को नोटिस जारी किया है।

इसके पहले, पिछले 04 दिसंबर को मजदूर किसान शक्ति संगठन की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को नोटिस जारी करते हुए धरना और प्रदर्शन के अधिकारों को लेकर दिशा-निर्देश और रेगुलेशन को लागू करने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि विरोध के अधिकारों और कानून-व्यवस्था के बीच सामंजस्य होना चाहिए। याचिका में इंडिया गेट के पास बोट क्लब पर धरना प्रदर्शन करने की अनुमति देने की मांग की गई है।

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि महेंद्र सिंह टिकैत के आंदोलन के बाद बोट क्लब लॉन पर प्रदर्शन रोक दिया गया। हकीकत में विरोध करने के अधिकार को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। पूरी सेंट्रल दिल्ली किले के रूप में तब्दील हो चुकी है। 1993 से जंतर-मंतर ही एक ऐसी जगह थी जहां प्रदर्शन होते थे लेकिन वो भी एनजीटी ने पिछले पांच अक्टूबर से बैन कर दिया है।

याचिकाकर्ता ने कहा है कि इन तरीकों से हमारे संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है। धारा-19(1) के तहत नागरिकों को मिले अभिव्यक्ति के अधिकारों को खत्म किया जा रहा है। धारा-19(1)(बी) के तहत देश के नागरिकों को शांतिपूर्ण इकट्ठा होने का अधिकार है। इसके तहत हम शांतिपूर्ण मार्च या प्रदर्शन कर सकते हैं। इन अधिकारों का हनन करने के लिए गाहे-बगाहे प्रशासन द्वारा धारा-144 का उपयोग किया जाता है। 

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