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जलीकट्टू मामले में केंद्र सरकार की सफाई .

नई दिल्ली, 20 जनवरी : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की इस अर्जी पर शुक्रवार को हामी भी दी है कि वो एक सप्ताह तक जलीकूट्टी मामले में कोई फैसला नहीं सुनाएगा । केंद्र की ओर से अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि हम चाहते हैं कि तमिलनाडु में कोई अप्रिय स्थिति न निर्मित हो । तमिलनाडु के लोग जलीकट्टू को बेहद पसंद करते हैं लिहाजा कोई भी फैसला आग में घी डाल सकता है । तमिलनाडु और केंद्र सरकार इससे निपटने के लिए उपाय तलाश रहे हैं ।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि आप कितने दिन चाहते हैं कि हम जलीकट्टू पर फैसला न सुनाएं तो अटार्नी जनरल ने कहा कि एक सप्ताह के लिए । कोर्ट ने इस पर हामी भर दी और कहा कि हम एक सप्ताह तक फैसला नहीं सुनाएंगे ।

आगे पढ़े : आखिर क्या है तमिलनाडु का‘’जलीकट्टू’’ जिस पर तमिलनाडु से दिल्ली तक मचा है हंगामा.

आपको बता दें कि कल तमिलनाडु के मरीना बीच पर जलीकट्टू आयोजित करने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शनों में हस्तक्षेप करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया था । सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इसके लिए मद्रास हाईकोर्ट जाने को कहा था । सुप्रीम कोर्ट ने जलीकूट्टी के आयोजन पर रोक लगा रखी है । पिछले 13 जनवरी को जलीकट्टू पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 14 जनवरी तक करने संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की कड़ी आलोचना की थी ।

जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि याचिकाकर्ता ने ये भी नहीं सोचा कि इस संबंध में आदेश तैयार भी हुआ है कि नहीं । मद्रास हाईकोर्ट ने 2014 में जलीकट्टू पर रोक लगा दिया था जिसके खिलाफ तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी थी ।

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