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तीन तलाक़ बिल पर शरद यादव का बड़ा बयान, बोले – मोदी सरकार थोप रही है कानून

पटना, सनाउल हक़ चंचल

पटना । संसद में पास हुए तीन तलाक बिल पर जदयू के बागी नेता शरद यादव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार इस्लामी विद्वानों से विचार-विमर्श किये बगैर फौरी तीन तलाक पर विधेयक लाकर अपनी मर्जी थोपना चाह रही है. शरद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि तीन तलाक पर कोई भी कानून इस्लामी विद्वानों से विचार-विमर्श पर आधारित होना चाहिए. लेकिन केंद्र सरकार ने ऐसा किए बगैर ही कानून बना दिया.

दरअसल जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव इन दिनों संवाद यात्रा पर हैं. इस दौरान वह बिहार के विभिन्न जिलों में लोगों से मिलकर अपनी बात रख रहे हैं. इसी क्रम में शरद यादव गुरुवार को बिहार के किशनगंज जिले में पहुंचे थे. उन्होंने वहां मीडिया से बातचीत में नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया.

हाल ही में राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए गए जदयू के बागी शरद और अनवर ने लोकसभा में पेश किये गये तीन तलाक विधेयक की आलोचना की. शरद ने यहां पत्रकारों से कहा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तीन तलाक पर कोई भी कानून इस्लामी विद्वानों के साथ विचार-विमर्श पर आधारित होना चाहिए. लेकिन लोकसभा में विधेयक पेश करने से पहले ऐसा कुछ नहीं किया गया.

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शरद ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सरकार सदन में विधेयक पेश कर अपनी मर्जी थोपना चाह रही है और अपने बचाव में इधर-उधर की बातें कर रही है. वहीं अली अनवर ने तीन तलाक पर कदम उठाने से पहले मोदी सरकार की ओर से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को विश्वास में नहीं लेने पर नाराजगी जाहिर की. दोनों नेताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन सरकार बनाकर 2015 के विधानसभा चुनाव के जनादेश का अपमान किया है.

कार्यक्रम साझा राजनीतिक विरासत समिति व महागठबंधन परिवार की ओर से आयोजित था़ उन्होंने कहा कि सत्ता के लिए नीतीश कुमार ने सूबे की जनता के जनादेश का अपमान किया है, जिसका जवाब जनता समय आने पर देगी़ बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी थी और भविष्य में भी बनेगी़ भाजपा व पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए शरद यादव ने कहा कि हर साल एक करोड़ युवाओं को रोजगार, हर व्यक्ति को 15 लाख, किसानों को फसल का दाम दोगुना देने का वायदा क्यों नहीं पूरा करते़.

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